मुजफ्फरपुर: दरोगा पर महिला से छेड़छाड़ का आरोप, कोर्ट ने SSP से मांगी रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर: दरोगा पर महिला से छेड़छाड़ का आरोप, कोर्ट ने SSP से मांगी रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर: जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र में तैनात दरोगा विपिन रंजन पर एक महिला के साथ छेड़छाड़ और मारपीट के गंभीर आरोप लगे हैं। मामला अब न्यायालय तक पहुंच गया है, जहां कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए SSP मुजफ्फरपुर से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। पीड़िता की ओर से मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा इस मामले की पैरवी कर रहे हैं।


क्या है पूरा मामला?
अहियापुर थाना क्षेत्र के मुरादपुर दुल्लाह गांव की एक महिला ने दरोगा विपिन रंजन पर छेड़छाड़, मारपीट और धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता के अनुसार, दरोगा विपिन रंजन बार-बार उनके घर में घुसकर उनकी इज्जत लूटने का प्रयास करते थे। डर और सामाजिक लज्जा के कारण वह अब तक चुप रही, लेकिन 19 मई की रात को स्थिति असहनीय हो गई। पीड़िता ने बताया कि उस रात करीब डेढ़ बजे दरोगा उनके घर पहुंचे और अनुचित व्यवहार करने लगे। जब महिला ने इसका विरोध किया, तो दरोगा ने उनके साथ मारपीट की और पिस्तौल दिखाकर उनकी साड़ी खींचने की कोशिश की।


महिला ने बताया कि वह किसी तरह वहां से भागकर SKMCH पहुंची, जहां उसने अपनी चोटों का इलाज कराया। घर लौटने पर उसने पाया कि उसके बिस्तर पर तकिए के नीचे रखे 20,000 रुपये भी गायब थे। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि दरोगा ने शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी।
न्यायालय में मामला दर्ज, SSP से मांगी गई रिपोर्ट
थक-हारकर पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाते हुए मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा के माध्यम से 24 मई को न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SSP मुजफ्फरपुर से इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। अगली सुनवाई 28 जून को निर्धारित की गई है।

मानवाधिकार अधिवक्ता ने जताई चिंता
मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा ने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा, “यह रक्षक के भक्षक बनने का मामला है। पुलिस, जिस पर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, अगर ऐसी हरकतें करेगी, तो लोगों का पुलिस और प्रशासन पर से भरोसा उठ जाएगा। ऐसे में आम लोग न्याय के लिए कहां जाएंगे?” उन्होंने इसे मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला करार देते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की।


आरोपों ने खड़ा किया सवाल
यह मामला न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करता है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश को जन्म दिया है और पुलिस प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं।