मुजफ्फरपुर को मिला तोहफा: दीपावली पर खुलेगा सिकंदरपुर लेक का ओपन एयर थिएटर!

मुजफ्फरपुर को मिला तोहफा: दीपावली पर खुलेगा सिकंदरपुर लेक का ओपन एयर थिएटर!

मुजफ्फरपुर। इस दीपावली पर शहरवासियों को स्मार्ट सिटी की अनमोल सौगात मिलने वाली है। सिकंदरपुर लेक फ्रंट सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के तहत लेक तीन क्षेत्र में 12,105 वर्गफीट में विकसित हो रहा ओपन एयर थिएटर अब अंतिम सांस ले रहा है। आरएस कॉलेज से थोड़ी दूरी पर स्थित यह मंच, खुले आकाश के नीचे सांस्कृतिक संगीत, नाटक, कवि सम्मेलन और लोक उत्सवों का केंद्र बनेगा। कंक्रीट की मजबूत सीढ़ियां तैयार हो चुकी हैं, और करीब 250 दर्शकों के लिए आरामदायक बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। पास ही सीढ़ीनुमा उद्यान भी उभर रहा है, जो शाम की सैर को और आकर्षक बनाएगा।

नगर आयुक्त सह एमएससीएल एमडी विक्रम विरकर ने बताया, “ओपन एयर थिएटर प्रोजेक्ट का यह महत्वपूर्ण हिस्सा दीपावली से पहले ही जनता के लिए खुल जाएगा। यहां कवि संगोष्ठी से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम तक होंगे। शहरवासियों से अपील है कि इस नई सुविधा का भरपूर लाभ उठाएं।” यह प्रोजेक्ट न केवल मनोरंजन का स्रोत बनेगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों को नई पहचान भी देगा।

लेकिन उत्साह के बीच देरी की सच्चाई भी सामने आ रही है। 21 अक्टूबर 2021 को शुरू हुए इस 18 महीने वाले प्रोजेक्ट को अब चार साल से अधिक बीत चुके हैं, फिर भी पूरा हिस्सा लंबित है। बावजूद इसके, हालिया प्रगति दिलचस्प है। जून 2025 में गंदे पानी के प्रबंधन के लिए सीवरेज प्लान बदला गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिला। जुलाई में पांच आकर्षक फाउंटेन लगाए गए, जो शाम को रंग-बिरंगी रोशनी से झिलमिलाते हैं। अगस्त तक पांच सुरक्षा केबिन भी तैयार हो चुके हैं, जो चोरी-चाकर रोकने में मदद करेंगे। कुल 60 सोलर स्ट्रीट लाइट्स, डिजाइनर फाउंटेन, दो आरओ वाटर पॉइंट, बायो-टॉयलेट और डिजिटल मोबाइल चार्जिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं इसे स्मार्ट स्पेस बनाएंगी।

कियोस्क जोन भी सज रहा है। मरीन ड्राइव रोड से सटे आरएस कॉलेज गेट के पास 25 कियोस्क बनेंगे, जहां खाने-पीने से लेकर स्मृति चिन्ह तक उपलब्ध होंगे। पूरे प्रोजेक्ट में 100 रिटेल कियोस्क होंगे—लेक दो में 50, लेक एक में 25। इन्हें सौंदर्य से समझौता किए बिना डिजाइन किया गया है। फरवरी 2025 में जारी निर्देशों के मुताबिक, मार्च तक कई हिस्से पूरे हो चुके हैं, जो स्मार्ट सिटी के 512 करोड़ के निवेश को सार्थक बनाते हैं।

यह प्रोजेक्ट मुजफ्फरपुर को सांस्कृतिक-पर्यटन का हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। देरी के बावजूद, अब यह शहर की शान बढ़ाने को तैयार है। क्या आप तैयार हैं इस दीपावली पर नया इतिहास रचने के लिए?