मुजफ्फरपुर: बथनाहा शमशान भूमि विवाद को लेकर पूर्व मंत्री ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, भूजल संकट पर भी जताई चिंता

मुजफ्फरपुर: बथनाहा शमशान भूमि विवाद को लेकर पूर्व मंत्री ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, भूजल संकट पर भी जताई चिंता

मुजफ्फरपुर, 13 मई 2025: कांटी क्षेत्र के बथनाहा शमशान भूमि विवाद को लेकर मंगलवार को स्थानीय लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता अजीत कुमार के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने शमशान भूमि पर पंचायत भवन निर्माण के लिए अनुचित तरीके से दी गई एनओसी के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज की और क्षेत्र में भूजल स्तर में भारी गिरावट के मुद्दे पर भी चिंता जताई।


शमशान भूमि पर विवाद
प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को बताया कि बथनाहा शमशान में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से चार पंचायतों के लोग मृतकों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं। हाल ही में कांटी के अंचल अधिकारी ने स्थानीय लोगों की सहमति के बिना इस भूमि पर पंचायत भवन निर्माण के लिए एनओसी जारी कर दी। इसके आधार पर संवेदक ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया था, लेकिन स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के बाद उसे वापस लौटना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से कहा कि इस क्षेत्र में शमशान के लिए कोई वैकल्पिक भूमि उपलब्ध नहीं है। उन्होंने मांग की कि शमशान के लिए उक्त भूमि को सुरक्षित रखा जाए और बिना सहमति के कोई निर्माण कार्य न हो।

जिलाधिकारी का आश्वासन
जिलाधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और तत्काल कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वे भूमि सुधार उप समाहर्ता और अन्य सक्षम अधिकारियों को स्थल पर भेजकर जांच करवाएंगे। जांच के बाद शमशान के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी और साथ ही पंचायत भवन निर्माण की भी व्यवस्था की जाएगी।


पूर्व मंत्री ने जताया भरोसा
जिलाधिकारी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा, “जिलाधिकारी ने हमारी बातों को गंभीरता से लिया है और शमशान भूमि के मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जब तक जिला प्रशासन शमशान के लिए वैकल्पिक भूमि उपलब्ध नहीं कराता, तब तक इस भूमि पर कोई नया निर्माण नहीं होगा। स्थानीय लोग पूर्व की तरह इसका उपयोग शमशान के रूप में करते रहेंगे।

भूजल संकट पर भी चर्चा
अजीत कुमार ने कांटी और मड़वन क्षेत्रों में भूजल स्तर में हो रही भारी गिरावट पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि भूजल स्तर नीचे जाने के कारण गरीब बस्तियों में चापाकल बंद हो रहे हैं, जिससे पीने के पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है। नदियों और नालों के सूखने से पशु-पक्षी भी संकट में हैं।


उन्होंने जिलाधिकारी से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) को सक्रिय करने और इस समस्या के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया। जिलाधिकारी ने इस मुद्दे पर भी त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया और मौके पर ही मोतीपुर के कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।


प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोग
जिलाधिकारी से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में मुखिया इंद्र मोहन झा, पूर्व मुखिया परशुराम झा, शिवजी ओझा, अवधेश पंडित, मदन महतो, राजेश महतो, अखिलेश महतो, संजीत महतो, आनंदी साह, विपिन रजक, रोशन कुमार शाह, लालू महतो, रंजीत महतो, जगन्नाथ साह, जितेंद्र कुमार सहित कई अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।