मुजफ्फरपुर: मृत बच्ची के परिवार को डीएम का सहयोग, आवास, मुआवजा और पेंशन की स्वीकृति

मुजफ्फरपुर: मृत बच्ची के परिवार को डीएम का सहयोग, आवास, मुआवजा और पेंशन की स्वीकृति

मुजफ्फरपुर, 4 जून 2025: कुढ़नी प्रखंड में मृत बच्ची के परिवार के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने उनके लिए त्वरित राहत और सहायता के कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मृत बच्ची की मां के नाम पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,20,000 रुपये की राशि से आवास स्वीकृत किया गया है। जिलाधिकारी ने कुढ़नी के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को विशेष रुचि लेकर प्रथम किस्त के 40,000 रुपये को जल्द से जल्द एफटीओ के माध्यम से हस्तांतरित करने और निर्माण कार्य को यथाशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया है।


परिवार को राशन और बच्चों की पढ़ाई की सुविधा
जिलाधिकारी के निर्देश पर मृतक के परिवार को तीन महीने का राशन उपलब्ध कराया गया है। इसके अतिरिक्त, परिवार के दो भाइयों की निःशुल्क शिक्षा के लिए आवासीय विद्यालय में नामांकन की स्वीकृति दी गई है। जिला कल्याण पदाधिकारी को इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।


मुआवजा और पेंशन की व्यवस्था
जिलाधिकारी ने मृत बच्ची के परिवार को अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुआवजा, पेंशन और अन्य सहायता प्रदान की है। परिवार को मुआवजे की पहली किस्त के रूप में 4,12,500 रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। साथ ही, आरोप पत्र दायर होने पर दूसरी किस्त के रूप में 4,12,500 रुपये का त्वरित भुगतान करने का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया गया है। इसके अलावा, परिवार को 7,750 रुपये की मासिक पेंशन की स्वीकृति दी गई है, और स्वीकृति पत्र परिवार को सौंप दिया गया है।


जिले में अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन
मुजफ्फरपुर जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत वर्तमान में 56 परिवारों को पेंशन प्रदान की जा रही है, जिनमें से 23 परिवारों को जून 2024 के बाद पेंशन की स्वीकृति मिली है। हत्या के मामलों में इस अधिनियम के तहत चार मृतकों की पत्नियों को सरकारी नौकरी दी गई है। विशेष रूप से, फरवरी 2024 के बाद पहली बार हत्या के मामलों में सरकारी नौकरी प्रदान की गई, जो जिले में एक उल्लेखनीय कदम है।


निगरानी और समीक्षा के लिए सक्रियता
जिलाधिकारी द्वारा इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिला स्तरीय निगरानी और अनुश्रवण समिति की नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। सतत मॉनिटरिंग और समीक्षा के माध्यम से मुआवजा भुगतान, पेंशन और अन्य राहत कार्यों में तेजी लाई गई है। इस प्रकार, पीड़ित परिवारों को न केवल त्वरित न्याय और राहत मिल रही है, बल्कि मुआवजा, पेंशन और रोजगार के अवसर भी तेजी से प्रदान किए जा रहे हैं।