मुजफ्फरपुर: कोठा संचालिका बनी मसीहा, मां-बेटी को देह व्यापार के दलदल से बचाया।

मुजफ्फरपुर: कोठा संचालिका बनी मसीहा, मां-बेटी को देह व्यापार के दलदल से बचाया।

मुजफ्फरपुर, 30 जुलाई 2025: मुजफ्फरपुर में एक ऐसी घटना सामने आई है, जो मानवता की मिसाल बन गई। शहर के रेडलाइट एरिया में एक कोठा संचालिका ने अपने विवेक और संवेदनशीलता से एक मां और उसकी छह साल की मासूम बेटी को देह व्यापार के दलदल में धकेले जाने से बचा लिया। यह कहानी न केवल एक महिला की हिम्मत और इंसानियत को दर्शाती है, बल्कि समाज में व्याप्त बुराइयों पर भी सवाल उठाती है।

क्या थी पूरी घटना?

सोमवार रात एक शख्स अपनी पत्नी और छह साल की सौतेली बेटी को रेडलाइट एरिया में बेचने के इरादे से ले गया। यह महिला, जिसका मायका सरैया थाना क्षेत्र में है, ने बताया कि उसकी यह तीसरी शादी थी। पहली शादी जेल चौक के एक व्यक्ति से और दूसरी कथैया थाना क्षेत्र के एक शख्स से हुई थी, लेकिन दोनों पतियों से प्रताड़ना के कारण उसने उन्हें छोड़ दिया। उसकी छह साल की बेटी पहली शादी से है। इस साल जनवरी में उसकी तीसरी शादी राजेपुर थाना क्षेत्र के एक युवक से हुई, जो उम्र में उससे छोटा था।

महिला के मुताबिक, तीसरा पति शुरू में दिल्ली ले गया, जहां वह कपड़ा फैक्ट्री में काम करता था। लेकिन वहां भी उसने महिला और उसकी बेटी के साथ मारपीट शुरू कर दी। कुछ दिन पहले वह दोनों को लेकर बिहार लौटा और ससुराल में रखने लगा। इस दौरान उसने महिला से रहन-सहन के खर्च के नाम पर दो लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। जब महिला यह राशि देने में असमर्थ रही, तो पति ने उसे बहाने से रेडलाइट एरिया ले जाकर एक कोठा पर बेचने की कोशिश की।

कोठा संचालिका की मानवता ने दिखाया रास्ता

जब पति ने कोठा संचालिका से मां-बेटी को बेचने के लिए 2 लाख रुपये की मांग की और बाद में 50 हजार रुपये में सौदा तय किया, तब महिला ने रोते हुए अपनी आपबीती संचालिका को सुनाई। संचालिका का दिल पसीज गया। उसने न केवल सौदा करने से इनकार कर दिया, बल्कि तुरंत स्थानीय जनप्रतिनिधि और आसपास के लोगों को सूचित कर दिया। देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई और आरोपी पति की जमकर पिटाई कर दी गई।

सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और महिला, उसकी बेटी और आरोपी पति को थाने ले गई। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी पति मानव तस्करी जैसे संगीन अपराध में भी लिप्त हो सकता है। नगर थाना अध्यक्ष ने बताया कि महिला ने अभी तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।

मानवता की जीत, समाज के लिए सबक

यह घटना न केवल एक मां और बेटी की जिंदगी बचाने की कहानी है, बल्कि समाज में व्याप्त मानव तस्करी और महिलाओं के शोषण जैसे मुद्दों पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। कोठा संचालिका, जिसे अक्सर समाज नकारात्मक नजरों से देखता है, ने अपनी संवेदनशीलता से यह साबित कर दिया कि इंसानियत किसी पेशे या परिस्थिति की मोहताज नहीं होती।

पुलिस अब इस मामले को मानव तस्करी के दृष्टिकोण से भी जांच रही है, ताकि इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। यह घटना हमें यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

आगे की कार्रवाई का इंतजार

फिलहाल पुलिस ने महिला और उसकी बेटी को सुरक्षित रखा है और आरोपी से पूछताछ जारी है। इस मामले में समाज के हर वर्ग की नजरें पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं, ताकि दोषी को कड़ी सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।