Patna: कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार अपने स्तर से कई ऐहतियाती कदम उठा रही है. उन्हीं में से एक निजी हॉस्पिटल और प्राइवेट एंबुलेंस के शुल्क का निर्धारण है. Bihar IMA ने जहां सरकार के फैसले का स्वागत किया है, वहीं एंबुलेंस चालक नए दर को लेकर अपनी परेशानियां गिना रहे हैं.
सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स और एंबुलेंस मालिकों पर कसा शिकंजा
बता दें कि कोरोना संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. संक्रमण को लेकर एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. सरकारी हॉस्पिटल्स में जहां ऑक्सीजनयुक्त बेड की संख्या बढ़ाई गयी है, वहीं कई आईसोलेशन सेंटर भी तैयार किये गए हैं. लेकिन इसी बीच प्राइवेट हॉस्पिटल्स और एंबुलेंस को लेकर भी Health Department ने उनका दर निर्धारित कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पिछले कोरोना काल में भी सरकार को निजी अस्पतालों का सहयोग मिला था. इस बार भी सहयोग की उम्मीद है. कई शिकायतें मिली हैं जिसके बाद सरकार को ये फैसला लेना पड़ा है.
कोरोना मरीजों के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स और एंबुलेंस की सेवा दर हुई तय
दरअसल नई दर के मुताबिक कोई भी प्राइवेट हॉस्पिटल एक दिन में मरीजों से 18 हजार से ज्यादा रुपये नहीं ले सकता है. साथ ही कोई भी निजी एंबुलेंस चालक 1800 से ज्यादा रुपए नहीं ले सकता है. लेकिन इस दर को भी पाने के लिए हॉस्पिटल और एंबुलेंस मालिकों को कई सेवा शर्तें पूरी करनी होगी.
हॉस्पिटल्स के लिए सेवा शर्तें
नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स से एक्रिडेटेड हॉस्पिटलों में आईसोलेशन बेड, सपोर्ट केयर और ऑक्सीजन के लिए 10 हजार रुपए तय किये गए हैं. वहीं बिना वेंटिलेटर आईसीयू के लिए 15 हजार, जबकि वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का 18 हजार रुपये का दर तय किया गया है.
नॉन एनएबीएच एक्रिडेटेड हॉस्पिटल्स में आइसोलेशन बेड, सपोर्ट केयर और ऑक्सीजन के लिए 8 हजार रुपये प्रतिदिन देना होगा. वहीं बिना वेंटिलेटर आईसीयू के लिए 13 हजार, वेंटिलेटर के साथ आईसीयू के लिए 15 हजार रुपये देने होंगे.
मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, गया, पूर्णिया में एनबीएच एक्रिडेटेड हॉस्पिटल्स में आईसोलेशन बेड, सपोर्ट केयर और ऑक्सीजन के लिए 8 हजार रुपये देने होंगे. वहीं बिना वेंटिलेटर की आईसीयू के लिए 12 हजार, जबकि वेंटिलेटर आईसीयू के लिए 14400 रुपये देने होंगे.
मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, गया, पूर्णिया में नॉन एनएबीएच हॉस्पिटल्स के लिए आईसोलेशन बेड, सपोर्ट केयर और ऑक्सीजन के लिए 6400 रुपये प्रतिदिन देना होगा. जबकि बिना वेंटिलेटर आईसीयू के लिए 10400 रुपये देने होंगे. वहीं वेंटिलेटर के साथ आईसीयू के लिए 12 हजार रुपये देने होंगे.
IMA ने सरकार के फैसले का किया स्वागत
बिहार आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ अजय कुमार ने कहा कि सरकार को ऐसे सख्त कदम मेडिकल प्रोफेशन से जुडे़ कुछ लोगों की गलतियों की वजह से ही लेनी पड़ी है. कोरोना काल में डॉक्टर भी जनता के साथ खडे़ हैं और डॉक्टरों से अपील होगी कि इस विपरीत परिस्थिति में वो जनता की मदद करें.
एंबुलेंस मालिकों ने फैसले को लेकर जताया विरोध
बता दें कि एंबुलेंस मालिकों ने सरकार की नई रेट का विरोध किया है. हलांकि इस विरोध के पीछे की वजह काफी दिलचस्प है. पटना के आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में इन दिनों बड़ी तादाद में एंबुलेंस खड़ी नजर आ रही हैं. एंबुलेंस चालकों का कहना है कि 1 जनवरी के बाद से हॉस्पिटल में मरीज आ ही नहीं रहे हैं. सारी व्यवस्था ऑनलाइन हो गई है. किसी भी गंभीर मरीज को नहीं लिया जा रहा. कोरोना के कारण इलाज का दायरा सीमित हो गया है. जो एंबुलेंस वाले कभी बैठते नहीं थे वो आज मरीजों का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में सरकार ने एंबुलेंस चालकों के लिए जो नया दर निर्धारित किया है वो बिल्कुल सही नहीं है.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एंबुलेंस के लिए तय दर इस प्रकार है
छोटी सामान्य कार के लिए 50 किलोमीटर तक 1500 रुपये
छोटी एसी कार के लिए 50 किलोमीटर तक 1700 रुपये
बड़ी सामान्य गाड़ी के लिए 50 किलोमीटर तक 1800 रुपये
बड़ी एसी गाड़ी के लिए 50 किलोमीटर तक 2100 रुपये
बता दें कि 50 किलोमीटर से अधिक आने जाने के लिए 18 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया मिलेगा. सरकार ने ये कदम पिछले अनुभवों के आधार पर उठाया है. लेकिन इस बार आम लोग भी पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए घरों में ही इलाज कराना बेहतर समझ रहे हैं. जिसके कारण हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या कम हो गई है. जो निजी हॉस्पिटल्स और एंबुलेंस मालिकों पर भारी पड़ रहा है.
Source : Zee News