मुजफ्फरपुर, सदर अस्पताल के इमरजेंसी में मंगलवार की रात एक मरीज की मौत हो गई। सिकंदरपुर धोबी घाट निवासी अरविंद रजक की मौत की सूचना मिलने पर परिजन और मोहल्ले के दर्जनों लोग अस्पताल पहुंच गये। परिजनों ने डॉक्टरों व कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई। लोगों का आक्रोश देख अस्पताल के गार्ड और कर्मी भी वहां से हट गये। लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ का प्रयास किया। सूचना पर आयी पुलिस ने करीब दो घंटे में आक्रोशितों को समझा बुझाकर शांत कराया। खबर लिखे जाने तक शव सदर अस्पताल में ही पड़ा हुआ है। प्रभारी थानेदार ओमप्रकाश ने बताया कि परिजनों के बयान पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि अरविंद दर्द से छटपटा रहे थे। वे लोग डॉक्टर को खोज रहे थे। लेकिन एक घंटे बाद भी कोई डॉक्टर अरविंद को देखने नहीं पहुंचे। अरविंद की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। परिजन रो रोकर कर्मियों से फरियाद कर रहे थे। लेकिन उनलोगों की कोई नहीं सुन रहा था। इस बीच अरविंद की मौत हो गई। मृतक की पत्नी, बच्चे और अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो रहा था।
इधर, अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार ने कहा कि मरीज की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी। डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं थे।
खाने के बाद मुंह से गिरने लगा खून
मृतक के भाई बबलू रजक ने बताया कि उनके भाई मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे। वे मजदूरी कर घर लौटे थे। खाना खाने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनके मुंह से खून गिरने लगा। आनन फानन में वे लोग अरविंद को लेकर अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी का पूर्जा कटवाया। लेकिन डॉक्टर के रूम में ताला लटका था। मौत के बाद एक कर्मी पूर्जा लेकर भाग गया।
तीन और मरीज लौटे
अस्पताल में हंगामा और डॉक्टर के नहीं रहने पर तीन और मरीज वहां से लौट गए। इसमें एक मरीज ठेला पर पहुंचा था। जबकि दूसरे मरीज का हाथ बुरी तरह जख्मी था। तीसरे मरीज की गंभीर स्थिति थी। सभी के परिजन करीब 10 मिनट तक पूर्जा कटवाने के लिए परेशान रहे। लेकिन उनका पूर्जा नहीं कट पाया। इसके बाद वे लोग निजी अस्पताल के लिए निकल गये।
Input : live hindustan
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