बिहार के सीएम नीतीश कुमार चमकी बुखार (एईएस) एवं जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) से पीड़ित रोगियों के लिए एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में 72 करोड़ की लागत से बना देश का पहला एक सौ बेड के पीकू यानी शिशु गहन चिकित्सा यूनिट एवं 60 बेड का इंसेफ्लाइटिस वार्ड का उद्घाटन किया. इस मौके पर सीएम नीतीश ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पीकू में बच्चों की इलाज भी शुरू हो गया है.

साथ ही मधुबनी जिला अंतर्गत झंझारपुर मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास भी किया। उद्घाटन व शिलान्‍यास के ये कायक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपन्‍न किए गए। इस अवसर पर मुख्‍यमंत्री ने कहा कि अब चमकी बुखार (AES) से बच्चों की मौत पर लगाम लगेगा।

सीएम नीतीश ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज तक में व्यापक काम किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2006 के पहले बिहार में अस्पताल तो थे पर इलाज नहीं होता था.बिहार में काम करने का मौका हम लोगों को मिला तभी से हम लोगों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई काम किए।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए जो लोग भी अपनी जमीन देंगे हैं उनके नाम पर उस अस्पताल का नामकरण किया जाएगा

पिछले वर्ष एईएस के कारण अस्पताल में बढ़ते रोगियों की संख्या को देखते हुए सरकार ने सौ बेड का पीकू अस्पताल बनाने का निर्णय लिया था, जिसका शिलान्यास 25 सितंबर, 2019 को हुआ था. कंपोजिट स्टील स्ट्रक्चर के रूप में पूर्णत:वातानुकुलित पीकू अस्पताल में कुल 102 बेड हैं, जिनमें गंभीर मरीजों के लिए 10 ट्राइएज बेड, 90 पीकू बेड व दो आइसोलेशन बेड शामिल हैं। सभी बेड पर पाइपलाइन से ऑक्सीजन की व्यवस्था है. वहीं, 20 वेंटिलेटर, 102 कार्डियक मॉनिटर आदि अत्याधुनिक सिस्टम लगे हैं. रोगियों के परिजनों के लिए 50 बेड की धर्मशाला का भी लॉकर के साथ की गई है.पीकू के सभी बेड पर कैमरे लगे हैं, जिससे मरीज के परिजन रोगियों को धर्मशाला से लाइव देख सकेंगे. नवनिर्मित पीकू भवन चार तल का है, जिसके ऊपरी तल पर रिसर्च सेंटर है.

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