गया. बिहार के गया जिले में एक महिला ने अजूबे बच्चे को जन्म दिया. इस बच्चे का चेहरा मेढक की आकृति का था. अजूबे बच्चे के जन्म की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई. डॉक्टरों के मुताबिक, शुक्राणु में किसी तरह की कमी होने के कारण भ्रूण पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता.

यही इस बच्चे के साथ भी हुआ है. कहा जा सकता है कि इसने अविकसित बच्चे के रूप में जन्म लिया है. डॉक्टर ने बताया कि पूरे देश में इस तरह के कई प्रसव हुए जिनमें पैदा हुआ बच्चा बिल्कुल अजूबा दिखता है. हालांकि ऐसे अविकसित बच्चों के जीवित रहने की उम्मीद बेहद कम होती है.

इस बच्चे का जन्म गुरुआ थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ है. डॉक्टर और नर्स भी इस बच्चे को देखकर हैरान रह गए. बताया जा रहा है कि बच्चा कुछ देर के लिए जीवित रहा, फिर उसकी मौत हो गई. बताया गया कि बाजितपुर गांव की रहने वाली सरिता देवी को शनिवार की सुबह लेबर पेन हुआ. परिवार के लोग उन्हें लेकर गुरुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने नॉर्मल डिलीवरी कराई. लेकिन वह बच्चा गर्भ में ही अविकसित रह गया था. पैदा होने के कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई.



डॉक्टर के मुताबिक, वह बिल्कुल एक मेढक की तरह दिख रहा था. बच्चे का सिर हाथ-पैर-कान-आंख-नाक बिल्कुल मेढक की आकृति से मिल रहे थे. ऐसे अविकसित बच्चे को देख लेबर रूम में मौजूद सभी नर्सिंग स्टाफ हैरान रह गए. अजूबे बच्चे के जन्म की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैली. अस्पताल में इस बच्चे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचने लगे.

गुरुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर तनवीर आलम ने बताया कि इस तरह के अविकसित बच्चे का जन्म रेयर होता है. बच्चे को तो नहीं बचाया जा सका लेकिन मां सरिता देवी की तबीयत ठीक है. अविकसित बच्चे के नहीं जीवित रहने से उसका रो-रो कर बुरा हाल है.

Source : News18

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