मुजफ्फरपुर, श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही। मरीज की जगह अपनी सहूलियत से चिकित्सक व कर्मी इलाज करते हैं। महिला चिकित्सक इलाज की जगह यह कह रहीं, नो एसी नो ट्रीटमेंट। बेड की जगह फर्श पर बिठाकर खून चढ़ा दिया जाता। इसका बैग भी मरीज के तीमारदार को पकड़ना पड़ता। इसके अलावा आक्सीजन और स्लाइन चढ़ाने के लिए मरीज को खड़ा रहना पड़ता। सोमवार को उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल की इस अव्यवस्था ने स्वास्थ्य विभाग की फिर पोल खोल दी।

एसी खराब होने के कारण नहीं किया इलाज

रविवार को इमरजेंसी में इलाज को मरीज आए थे। इस बीच वहां पर तैनात महिला चिकित्सक को खबर हुई। वह आईं, लेकिन एसी खराब पाया तो बिना मरीज को देखे वहां से चली गईं। उसके बाद मरीजों ने हंगामा किया। तब जाकर इलाज हुआ। औराई पटरी निवासी रामप्रवेश सहनी ने बताया कि उसको चोट लगी थी। यहां पर दिखाने आया हूं। चिकित्सक बिना देखे निकल गईं। यहां पर रिंकू देवी, मनीष कुमार, अर्जुन कुमार आदि पहुंचे थे। इसकी शिकायत मिलने के बाद प्रभारी अधीक्षक सतीश कुमार सिंह ने कहा कि इलाज की व्यवस्था की गई। चिकित्सक से जवाब तलब किया गया है। कहा, तकनीकी खराबी से एसी बंद था। एसी नहीं चलने से मरीज का इलाज बाधित नहीं होना चाहिए। मरीज का इलाज नहीं होना गंभीर मामला है।

खड़ा कराकर लगा दिया स्लाइन व आक्सीजन

जागेश्वर ठाकुर की पत्नी कुष्मी देवी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। कै-दस्त से वह परेशान थीं। चिकित्सक ने खड़ा करा आक्सीजन ब स्लाइन चढ़ा दिया। उसके बाद जब शिकायत ऊपर तक गई तो फिर उसको जगह मिली। वहीं एसकेएमसीएच की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें एक बच्ची फर्श पर बैठी है। उसे खून चढ़ रहा है। खून का बैग एक महिला पकड़ी हुई है।

इलाज के लिए बोला तो दिखा दिया बाहर का रास्ता

गायघाट थाना के भगवतपुर निवासी पुनिता देवी को इलाज के लिए लाया गया। वह दीपक से जल गई थी। इलाज शुरू हुआ। स्वजन ने जब बेहतर तरीके से ड्रेसिंग करने को कहा तो उसका नाम काटकर बाहर का रास्ता दिखा दिया। पर्ची लेकर जब प्रभारी अधीक्षक के पास गया तो उसके बाद उनके हस्तक्षेप से इलाज शुरू हुआ। स्वजन ने इसको लेकर आक्रोश जताया।

बोले प्रभारी अधीक्षक, मुख्यालय तक जाएगी शिकायत

एसकेएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डा.सतीश कुमार सिंह ने कहा कि मरीज का इलाज हर हाल में होना चाहिए। तीन शिकायत मिली है। सभी लोगों से जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद शिेकायत मुख्यालय तक जाएगी। वह खुद प्रतिदिन राउंड दे रहे हैं। मरीजों का हालचाल लेते हैं

इनपुट : दैनिक जागरण

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