आपने देखा कुछ लोगों के चेहरे और शरीर के कुछ हिस्सों में दाग होते हैं. हो सकता है कि आपके घर या आस-पास में भी किसी के ऐसा हो. कई जगह देखने को मिलता है कि लोग सफेद दाग वाले लोगों से इसलिए दूर रहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ये फैलने वाली बीमारी है. इसके अलावा भी इसे लेकर कई तरह के झूठे और भ्रामक तथ्य लोगों के बीच व्याप्त हैं, तो आज हम वर्ल्ड इटिलिगो डे (World Vitiligo Day) पर मेडिकल साइंस के हिसाब से बताते हैं कि सफेद दाग दिक्कत किस वजह से होती है.

ऐसे में आज हम आपको डॉक्टर की ओर से दी गई जानकारी के हिसाब से बताएंगे कि आखिर ये दिक्कत क्या होती है और इसके होने का क्या कारण है. इसके बाद आप सफेद दाग दिक्कतों के बारे में जान जाएंगे.


क्या होते हैं सफेद दाग?
सफेद दाग को Vitiligo या Leukoderma कहा जाता है. इसे लेकर मणिपाल हॉस्पिटल्स की डरमोटॉलॉजी कंसल्टेंट डॉक्टर दीपा कृष्णमूर्ति का कहना है, ‘विटिलिगो या सफेद दाग एक ऑटोइम्यून स्किम की स्थिति है, जिसमें स्कीन पर सफेद स्किन के पैच दिखने लगते हैं, क्योंकि यहां स्किन का कोई रंग नहीं होता है और यहां से रंग हट जाता है. इसके साथ ही इसके आसपास के बाल सफेद हो सकते हैं और अपना रंग खत्म हो जाता है. करीब 1 फीसदी आबादी इससे प्रभावित है.’

क्या है सफेद दाग होने का कारण?
डॉक्टर कृष्णामूर्ति का कहना है, ‘सफेद दाग एक अनुवांशिक स्थिति की वजह से होने वाली एक ऑटोम्यून्यून बीमारी है. इस स्थिति में स्किन में होने वाली मेलानोसाइट्स नाम की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मेलानोसाइट्स पर हमला करने के लिए इम्यून सिस्टम ट्रिगर करने वाली विशिष्ट परिस्थितियां क्या हैं. यह चीजों पर निर्भर करता है और इसके अलावा इनका कनेक्शन थायराइड, डायबिटीज आदि से भी है.’


क्या यह संक्रामक बीमारी है?
नहीं, ये संक्रामक बीमारी नहीं है और हाथ लगाने से दूसरे को फैलती नहीं है.


कितने तरह के होते हैं सफेद दाग?
डॉक्टर ने बताया, ‘अगर सफेद दाग के टाइप्स की बात करें तो यह कई तरह के होते हैं, जिसमें शरीर के अलग अलग हिस्से शामिल होते हैं. शरीद के हर हिस्से के हिसाब से अलग अलग सफेद दाग होते हैं. लिप टिप में होठ, अंगुली और अंगूठे शामिल होते हैं. फोकल में स्किन का कुछ हिस्सा, गेनेराइज्ड में स्किन का बड़ा हिस्सा, सेगमेंट में कुछ धब्बे होते हैं.’


कैसे होता है इलाज?
हर तरीके के सफेद दाग में अलग इलाज होता है, जो डरमाटोलॉजिस्ट की ओर से किया जाता है. इसमें यूवी लाइट के जरिए भी इलाज किया जाता है. ऐसे में स्किन बायॉप्सी से पूरी जानकारी मिलती है और इसके बाद इलाज होता है. इसमें खाने को लेकर कोई पाबंदी नहीं होती है, लेकिन बैलेंस और पोषक तत्वों से युक्त डाइट और सब्जियों और एंटीऑक्सिटेंड डाइट की सलाह दी जाती है. वैसे जहां दाग है, वहां क्रीम, लाइट के जरिए इलाज किया जाता है. साथ ही इसके लिए फोटो थैरेपी, सर्जरी आदि भी करवाई जा सकती है. मगर कुछ स्थितियों में इसका इलाज संभव है.

Source : Tv9 bharatvarsh

Advertisment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *