मुजफ्फरपुर, मौसम में उतार-चढ़ाव के साथ वायरल बुखार का प्रभाव भी बढ़ा है। अभी रोटावायरस, इन्फ्लुएंजा वायरस, राइनोवायरस समेत अन्य वायरस का प्रभाव ज्यादा दिख रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले दो दिनों में एसकेएमसीएच, केजरीवाल और सदर अस्पताल में 45 बच्चे बीमार होकर आए हैं। एसकेएमसीएच में 25, केजरीवाल अस्पताल में 14 और सदर अस्पताल में 6 बच्चों का इलाज चल रहा है। सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि बच्चों के इलाज की हर जगह सुविधा दी जा रही है। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि मौसम के उतार चढ़ाव के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुबह व शाम गर्म कपड़ा का प्रयोग करें। मच्छरदानी लगाकर सोएं। बासी भोजन नहीं करे।

पीएचसी में भेजी गई दवा

सिविल सर्जन डा.शर्मा ने बताया कि सेंट्रल गोदाम से पीएचसी के कर्मी बुधवार को दवा उठाव कर ले गए। बताया कि सभी पीएचसी, सदर अस्पताल में दवा व जांच की सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध है। आशा को गाइड लाइन दी गई है कि वह अपने इलाके में वायरल बुखार से पीडि़त बच्चों पर नजर रखे।

अब नियमित चलेगी मानसिक विभाग की ओपीडी

मुजफ्फरपुर: सदर अस्पताल में पदस्थापित मनोचिकित्सक के कोइलवर जाने के बाद यहां पर अभी मरीजों के इलाज का संकट है। इसको देखते हुए सिविल सर्जन ने तत्कालीन व्यवस्था के तहत कांटी पीएचसी में पदस्थापित डा.गौरव कुमार को सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति किया है। सीएस डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि डा.गौरव कुमार निम्हांस बेंगलुरु से मानसिक रोग का विशेष प्रशिक्षण लिए हैं। उन्होंने पहले भी यहां ओपीडी में अपनी सेवा दी है। इसलिए जबतक स्थायी व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक वह यहीं पर सेवा देंगे। उनके रहने से मेडिकल बोर्ड, बाल पर्यवेक्षण गृह के बच्चों के इलाज को लेकर परेशानी नहीं होगी। कांटी पीएचसी प्रभारी व सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को इसकी जानकारी दे दी गई है।

इनपुट : जागरण

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