वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 44वीं बैठक में कोविड संबंधी दवा और अन्य जरूरी वस्तुओं जैसे कि एम्बुलेंस आदि पर जीएसटी की दर घटाने का अहम फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने इन सभी आवश्यक वस्तुओं पर लगने वाले जीएसटी की अलग-अलग दरों को आवश्यकता के अनुसार घटाया है। मालूम हो कि जीएसटी परिषद ने कोरोना वायरस में काम आने वाले जिन उपकरणों और दवाओं पर जीएसटी की दरें घटाई हैं, उन की वैधता 30 सितंबर 2021 तक रहेगी।

वैक्सीन पर पांच फीसदी की दर कायम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि परिषद में टीके पर पांच फीसदी की कर दर को कायम रखने पर सहमति बनी है। लेकिन साथ ही एम्बुलेंस पर जीएसटी की दर को 28 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया है। टेम्परेचर चेकिंग इक्विपमेंट्स के लिए जीएसटी की दर पांच फीसदी की गई।

इन दवाओं या उपकरणों पर लगेगा पांच फीसदी कर
दवाओं की बात करें, तो Anti-coagulants like Heparin और रेमेडिसविर की दर 12 फीसदी से पांच फीसदी हो गई है। उपकरणों में मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर/जेनरेटर (व्यक्तिगत आयात सहित), वेंटिलेटर, वेंटिलेटर मास्क/हेलमेट, BiPAP मशीन और हाईलो नेसल कैनुला (HFNC) डिवाइज की जीएसटी की दर 12 फीसदी से पांच फीसदी हुई है। इसके अतिरिक्त कोविड टेस्टिंग किट और स्पेसिफाइड इन्फ्लेमेटरी डायग्नॉस्टिक किट पर भी कर 12 फीसदी के बजाय पांच फीसदी हो गया है।

ब्लैक फंगस की दवा जीएसटी मुक्त
देश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए परिषद ने इसके इलाज में काम आने वाली Amphotericin B दवा पर जीएसटी की दर शून्य की है। Tocilizumab और Amphotericin B पर सरकार ने कर की दर शून्य कर दी है। पहले इन पर पांच फीसदी टैक्स लगता था।

28 मई को हुई थी पिछली बैठक बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। परिषद ने 28 मई को हुई पिछली बैठक में पीपीई किट, मास्क और टीके सहित कोविड संबंधी आवश्यक वस्तुओं पर कर राहत देने के लिए मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) का गठन किया गया था। जीओएम ने सात जून को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

आवश्यक वस्तुओं पर दर में कटौती के पक्ष में थे कुछ राज्य
बैठक में जीओएम की रिपोर्ट पर विचार किया गया। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा था कि राज्य सरकार मरीजों की सुविधा के लिए कोविड संबंधी आवश्यक वस्तुओं पर करों में कटौती के पक्ष में है।
इसलिए अहम थी जीएसटी परिषद की बैठक
कोविड-19 की दूसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। जनता पर महंगाई का बोझ भी बढ़ा है। ऐसे में वित्त मंत्री की अगुवाई में हो रही इस साल की दूसरी बैठक बेहद अहम थी। इसमें कोविड महामारी से जुड़ी सामग्री जैसे- दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर कर की दर कम करने पर फैसला लिया गया।

इनपुट : अमर उजाला

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