उत्तर बिहार में ऑटो पर चढ़ते ही अब आपको ‘चमकी को धमकी’वाला गाना सुनाई देगा। स्वास्थ्य विभाग ने इस वर्ष पहली बार सरकारी वाहनों के साथ निजी ऑटो को भी एईएस से जागरूकता के लिए चुना है। चमकी से बचाव के लिए एफएम रेडियो पर गाना बजेगा। 500 निजी ऑटो को प्रचार के लिए चुना गया है। इन पर चमकी को धमकी के पोस्टर लगाये जाएंगे। दरअसल यह किसी को धमकी देने वाला गाना नहीं बल्कि बच्चों की जानलेवा बीमारी एईएस से जंग का आगाज है।

मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के कई जिले एईएस की चपेट में है। सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर वैशाली, और चंपारण जिलों में एईएस हर साल बच्चों को अपना शिकार बनाता है। 1990 के बाद से हजारों की संख्या में छोटे बच्चे इसकी चपेट में आकर मौत के गाल में समा चुके हैं। मुजफ्फरपुर इस बीमारी का तब से केन्द्र बना हुआ है जहां एसके मेडिकल कॉलेज में बच्चों का इलाज किया जाता है। दिल्ली से लेकर अमेरिका तक की संस्थाओं के वैज्ञानिक मुजफ्फरपुर आकर इस बीमारी पर रिसर्च कर चुके हैं। लेकिन बीमारी का रहस्य अभी तक बरकरार है। इसलिए बचाव ही बीमारी का सबसे प्रभावी इलाज है।

केयर इंडिया के जिला प्रतिनिधि सौरभ तिवारी ने बताया कि जिले के सभी 385 पंचायतों में चमकी पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। चमकी को धमकी के 16 लाख पंफलेट बांटे जायेंगे। महादलित टोले में 113 बड़े-बड़े होर्डिंग लगाये जायेंगे। एईएस जागरूकता में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की 25 गाड़ियां भी लगाई जायेंगी।

एप भी करेगा जागरूक

एईएस से बचाव के लिए मोबाइल वाणी एप बनाया गया है। इसके अलावा टॉल फ्री नंबर भी जारी किया गया है जिस पर एईएस के बारे में जानकारी मिलेगी। यह टोल फ्री नंबर है 8800458666। ओपीडी में आने वाले मरीजों को एईएस बचाव का मिलेगा पर्चा सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले मरीजों को एईएस से बचाव का पर्चा दिया जायेगा। इसके अलावा जो मरीज अस्पताल के इन डोर में भर्ती हैं, उनके परिजनों को भी यह पर्चा दिया जायेगा। सेविका और सहायिका शामिल हैं, वो घर-घर जाकर एईएस बचाव का पर्चा बांटेंगी। सौरभ तिवारी ने बताया कि हर 15 दिन पर आशा कार्यकर्ता लोगों के साथ सामूहिक बैठक करेंगी।

150 बेड शहर में तैयार

एईएस के लिए सदर अस्पताल से लेकर एसकेएमसीएच तक 150 बेड तैयार कर लिये हैं। इनमें 10 बेड सदर अस्पताल में, 100 बेड एसकेएसमीएच में और 40 बेड केजरीवाल अस्पताल में तैयार किये गये हैं।

पारमेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग

सभी वीबीडी सलाहकार व वीडीसीओ को जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार व वीबीडी प्रीतिकेश परमार्थी ने प्रशिक्षण दिया।

Input : live hindustan

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