मुजफ्फरपुर। सीवान में वर्ष 2016 में हुए पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में मुजफ्फरपुर की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने तीन दोषियों—रोहित सोनी, विजय गुप्ता और सोनू गुप्ता—को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। इसके साथ ही तीनों पर 30-30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में राजदेव रंजन की पत्नी को उचित मुआवजा दिलाने का निर्देश भी दिया है। सजा का ऐलान होते ही तीनों दोषियों को मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
कोर्ट ने माना अपराध की साज़िश
30 अगस्त को सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने पाया कि रोहित सोनी ने राजदेव रंजन को गोली मारी थी, विजय गुप्ता गाड़ी चला रहा था और सोनू गुप्ता ने वारदात से पहले पत्रकार की रैकी की थी।
वहीं, इस मामले में शामिल अन्य तीन आरोपी—लड्डन मियां, राजेश और रिशु जायसवाल—को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
शहाबुद्दीन का नाम और केस का सफर
12 मई 2016 को सीवान में हिन्दुस्तान अख़बार के ब्यूरो चीफ राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी ने नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। शुरुआती जांच पुलिस ने की, जिसमें बाहुबली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम नहीं था। बाद में मामला सीबीआई को सौंपा गया।
सीबीआई ने जांच के दौरान शहाबुद्दीन को भी आरोपी बनाया और आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। हालांकि, कोरोना काल में शहाबुद्दीन की मौत हो गई।
पत्रकारिता जगत में चर्चा
राजदेव रंजन की हत्या ने न सिर्फ़ बिहार बल्कि पूरे देश के पत्रकारिता जगत को हिला दिया था। लंबे समय से इंसाफ़ की राह देख रहे परिवार के लिए अब कोर्ट का यह फैसला राहत लेकर आया है।

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