भारत में, विशेषकर ग्रामीण और परंपरागत समाजों में, अंतरजातीय विवाह को अक्सर स्वीकार नहीं किया जाता। जब एक उच्च जाति का लड़का दलित समाज की लड़की से प्रेम विवाह करता है, तो परिवारों की प्रतिक्रिया बहुत विविध हो जाती है कुछ ऐसा ही मामला जिले के करजा थाना क्षेत्र के रेपुरा गांव से निकलकर सामने आ रहा है.
स्वर्गीय अशर्फी ठाकुर के 36 वर्षीय पुत्र पंकज ठाकुर ने मोतीपुर थाना के रतनपुरा गांव की छोटी जाति के 21 वर्षीय शोभा कुमारी से प्रेम प्रसंग में 2024 के जुलाई महीने में हिंदू रीति रिवाज से मंदिर में शादी कर ली. शादी के बाद लड़का के परिजनों ने लड़की को अपनाने से इनकार कर दिया. तरह-तरह से लड़का को टॉर्चर किया जाने लगा. जिस वजह से लड़का अपना घर परिवार छोड़कर शहर में किराए के मकान में रहने लगा. उसके बावजूद उसे आए दिन जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
तंग आकर नव दंपति ने मंगलवार को एसएसपी से मिलकर जान माल के सुरक्षा के गुहार लगाते हुए ज्ञापन सोपा. दोनों विवाहित जोड़ा ने एससी एसटी थाने में भी आवेदन देकर भी शिकायत दर्ज कराई है. इस मामले में लड़की शोभा कुमारी ने बताया कि 7 महीने पहले मंदिर में शादी किए थे. तभी से मेरी गोतनी घर पर रहने नहीं देती है. बोलती है तुम छोटी जाति के हो. घर पर नहीं रहने देंगे. पति के साथ भी मारपीट की जाती है. मेरे पति जीजा जी के दोस्त हैं. घर पर अक्सर आते थे. इसी दौरान मुझे प्रेम हो गया और मैं शादी के लिए तैयार हो गई.
वहीं इस पूरे मामले पर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि शोभा कुमारी जो दलित जाति से आती हैं और पंकज ठाकुर जो उच्च जाति से है दोनों ने अपनी मर्जी से प्रेम विवाह किया है. शादी के बाद से ही लड़का के पटी-पटीदार परेशान करने लगे. इन लोगों को पुलिस प्रशासन की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली. जबकि सरकार अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करती है. अंतरजातीय विवाह करने वाले को सरकार के तरफ से नौकरी देने का भी प्रावधान है. इससे समाज में समानता आएगी।