मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र के बहलखाना में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रेम प्रसंग के शक में एक नाबालिग लड़के के पिता की स्थानीय लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। घटना का कारण यह था कि लोगों को शक था कि इस व्यक्ति के बेटे ने एक नाबालिग लड़की को भगा लिया है। पीड़ित पिता बार-बार सफाई देते रहे कि उनका बेटा घर पर ही है और उसने लड़की को नहीं भगाया, लेकिन गुस्साए लोगों ने उनकी एक न सुनी और मारपीट शुरू कर दी। इस हमले में पिता गंभीर रूप से जख्मी हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
हैरानी की बात तब हुई जब बीच मारपीट के दौरान लड़की स्कूल से घर लौट आई। उसे देखते ही भीड़ सन्न रह गई। लड़की ने बताया कि वह स्कूल गई थी और कहीं भागी नहीं थी। इसके बाद लोगों ने पीटना बंद किया, लेकिन तब तक पीड़ित पिता की हालत गंभीर हो चुकी थी।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, मिठानपुरा थाना क्षेत्र के रामबाग निवासी विक्रम महतो का नाबालिग बेटा और बहलखाना की एक नाबालिग लड़की पिछले कुछ समय से प्रेम संबंध में थे। करीब एक महीने पहले दोनों कहीं चले गए थे, जिसके बाद वे वापस लौट आए। इस घटना को लेकर दोनों पक्षों के बीच पंचायत हुई थी, जिसमें लड़के और लड़की के अभिभावकों ने सहमति जताई थी कि अब ऐसा दोबारा नहीं होगा। दोनों को समझा दिया गया और एक-दूसरे से मिलने-जुलने से मना किया गया।
हालांकि, हाल ही में किसी ने विक्रम महतो को सूचना दी कि उनका बेटा फिर से उस लड़की से मिल रहा है। इस बात को लेकर विक्रम अपने बेटे को डांट-फटकार लगाने के बाद लड़की के परिजनों से मिलने गए, ताकि वे अपनी बेटी को समझाएं। लेकिन लड़की के परिजनों को गलतफहमी हो गई कि उनकी बेटी फिर से लड़के के साथ भाग गई है। इसी शक में लड़की के परिवार और स्थानीय लोगों ने विक्रम को पकड़ लिया और उनकी बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी।
लड़की के लौटने से खुला सच
मारपीट के बीच जब लड़की स्कूल से घर पहुंची, तो सच्चाई सबके सामने आ गई। उसने बताया कि वह दिनभर स्कूल में थी और कहीं नहीं गई थी। यह देखकर भीड़ ने विक्रम को छोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल विक्रम को तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
पीड़ित पिता का बयान
अस्पताल में भर्ती विक्रम महतो ने बताया, “मैं लड़की के परिजनों को समझाने गया था कि अपनी बेटी को समझाएं, वह गलत कर रही है। लेकिन वहां लड़की की मां ने मेरा कॉलर पकड़ लिया और मारना शुरू कर दिया। इसके बाद आसपास के लोग भी जमा हो गए और मुझे बेरहमी से पीटा। सब कह रहे थे कि मेरा बेटा लड़की को भगा ले गया है। जब लड़की स्कूल से लौटी, तब जाकर मुझे छोड़ा गया।
विक्रम ने आगे कहा, “यह लड़के का मामला था, मैं सिर्फ समझाने गया था। मेरे साथ गए दो अन्य लोगों को भी बांधकर पीटा गया। मेरा पोता बदमाशी करता है, लेकिन मुझे नहीं पता कि पूरा माजरा क्या है। मैं तो बस लड़की के परिजनों से बात करने गया था।
पुलिस जांच में जुटी
इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि बिना सच जाने भीड़ ने किस तरह एक निर्दोष व्यक्ति को निशाना बना दिया।
निष्कर्ष
यह घटना समाज में फैली अफवाहों और शक के चलते होने वाली हिंसा का एक जीता-जागता उदाहरण है। फिलहाल, विक्रम महतो की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर बिना पुष्टि के इस तरह की हिंसा क्यों और कैसे हो रही है।