मझौलिया में अवैध नेटवर्क का भंडाफोड़: पुलिस पर हमला, कारतूस और गांजा बरामद—मुख्य आरोपित फरार

मझौलिया में अवैध नेटवर्क का भंडाफोड़: पुलिस पर हमला, कारतूस और गांजा बरामद—मुख्य आरोपित फरार

मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के मझौलिया मोहल्ले में गुरुवार को पुलिस की छापेमारी ने इलाके में सक्रिय अवैध कारोबार के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस को मौके से 35 पुराने कारतूस और करीब डेढ़ किलो गांजा मिला है। यह बरामदगी साफ संकेत देती है कि मोहल्ले में लंबे समय से नशे और हथियारों की सप्लाई चुपके से चलाई जा रही थी।

मुख्य आरोपित अलाउद्दीन फरार, नेटवर्क की जांच तेज

सूत्रों के अनुसार, पुलिस की गाड़ी मोहल्ले में घुसते ही मुख्य आरोपित अलाउद्दीन मियां फरार हो गया। बताया जा रहा है कि वह पिछले कई महीनों से गांजा सप्लाई और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल था। उसके फरार होने के बाद पूरा नेटवर्क अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है।

पुलिस पर हमला: जांच को मोड़ने की कोशिश?

छापेमारी के दौरान पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए परिवार के लोगों ने धक्का-मुक्की, हाथापाई और हमला किया। अचानक हुए इस हमले ने पुलिस टीम के बीच अफरा-तफरी मचा दी। माना जा रहा है कि यह हमला कारतूस और गांजे की बरामदगी के बाद जांच को भटकाने की सोची-समझी कोशिश भी हो सकती है।

स्थिति बिगड़ने पर एएसपी टाउन वन सुरेश कुमार, मिठनपुरा, विवि और सदर थाना पुलिस के पहुंचने के बाद हालात काबू में आए।

अफसाना परवीन गिरफ्तार, संलिप्तता के सबूत मिले

मुख्य आरोपित अलाउद्दीन की पत्नी अफसाना परवीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ में यह सामने आया कि वह अपने पति की गतिविधियों से न सिर्फ अवगत थी, बल्कि कई मामलों में उसकी संलिप्तता के संकेत भी मिले हैं।

अफसाना का पहला पति मर चुका है और अलाउद्दीन से उसकी दूसरी शादी हुई थी। पुलिस अब यह जांच रही है कि यह अवैध नेटवर्क कितनी गहराई से मोहल्ले में फैला हुआ है और किन-किन लोगों की भूमिका इसमें है।

सिटी एसपी ने दी जानकारी

सिटी एसपी कोटा किरण कुमार ने बताया कि अलाउद्दीन के खिलाफ पहले भी अवैध गतिविधियों की सूचनाएं मिलती रही हैं। छापेमारी के दौरान उसके फरार होने से यह साफ है कि वह गृहक्षेत्र में सक्रिय रूप से नशा कारोबार चला रहा था।

मोहल्ले में दहशत—लोगों में सवाल: क्या और भी छिपी थीं अवैध गतिविधियाँ?

पड़ोसी मोहल्लों में दहशत का माहौल है। साबित हुआ है कि दिन-दहाड़े ऐसे अवैध कारोबार चल रहे थे जिनकी भनक तक आसपास के लोगों को नहीं थी। अब यह जांच का बड़ा विषय है कि—

क्या और भी हथियार छिपाए गए हैं?

क्या इस नेटवर्क के पीछे बड़ी सप्लाई चेन जुड़ी है?

स्थानीय सहयोग किस स्तर तक मिला?