मुजफ्फरपुर, 18 मार्च 2025: मंगलवार को मिठनपुरा के न्यू कॉलोनी में इंसाफ मंच के जिलाध्यक्ष व माले जिला कमिटी सदस्य फहद जमा के आवास पर एक भव्य इफ्तार दावत का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहर के प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के साथ-साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र की नामचीन शख्सियतों का जमावड़ा देखने को मिला। इस आयोजन ने न केवल सामाजिक एकता को मजबूत किया, बल्कि इंडिया गठबंधन की राजनीतिक एकजुटता को भी उजागर किया।
इफ्तार दावत में इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी ने इसकी मजबूती का संदेश दिया। इसमें राजद जिलाध्यक्ष रमेश गुप्ता, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल, पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल साहनी, कांग्रेस नेता मयंक कुमार मुन्ना, राजद महानगर अध्यक्ष राई शाहिद इकबाल मुन्ना, माले सचिव सूरज कुमार सिंह, राजद महासचिव जितेंद्र कुमार, एमआईएम जिलाध्यक्ष मोहम्मद नाजमी, राजद प्रदेश प्रवक्ता डॉ. इकबाल मोहम्मद समी, राजद नेता सब्बीर अंसारी, माले नेता आफताब आलम, माले नगर कमिटी सदस्य शाहनवाज हुसैन उर्फ नौसाद, राजकिशोर प्रसाद, सुरेश ठाकुर, इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य परिषद सदस्य सफीकुर रहमान और प्रभाकर तिवारी शामिल हुए।
वहीं, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र से चर्चित साहित्यकार डॉ. संजय पंकज, संजीव साहू, डॉ. आबूजर कमालुद्दीन, शायर शिवतुल्लाह हमीदी, जलाल असगर फरीदी, प्रोफेसर तारिक इमाम, प्रोफेसर इम्तियाज, डॉ. मंजर अकील, प्रसिद्ध शायर शकील मोइन, प्रोफेसर अरमान, प्रेम भूषण और डॉ. रवि भूषण सिंह जैसे नामी चेहरों ने भी शिरकत की।
इस अवसर पर मौजूद लोगों ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में इफ्तार का आयोजन भारत की साझी संस्कृति की पहचान है। उनका मानना था कि यह एकता ही वह ताकत है, जिससे सांप्रदायिक और विभाजनकारी शक्तियां डरती हैं। वक्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों असफाक उल्लाह खान और रामप्रसाद बिस्मिल की मिसाल देते हुए कहा कि ऐतिहासिक रूप से भी ऐसी ताकतें इस एकता को तोड़ने में नाकाम रही हैं और आज भी यह एकजुटता उन्हें रास नहीं आती।
आयोजक फहद जमा ने अपने संबोधन में कहा, “आज यहां जो सामाजिक और राजनीतिक एकता दिखाई दी, उसी के बल पर हम इंडिया गठबंधन के लोग आगामी चुनाव में डबल इंजन की सरकार को करारी शिकस्त देंगे।” इस आयोजन को लेकर उपस्थित लोगों में उत्साह और संकल्प का माहौल साफ झलक रहा था।
यह इफ्तार दावत न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनी, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक मजबूत संदेश देने में सफल रही।

