हिंदू नववर्ष का पर्व हर साल चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस बार वर्ष 2025 में हिंदू नववर्ष 30 मार्च से शुरू होगा, जिसके साथ ही विक्रम संवत 2082 का भी प्रारंभ होगा। हिंदू संस्कृति में यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। इस पावन अवसर को देश के अलग-अलग हिस्सों में गुड़ी पड़वा, चेटी चंड जैसे नामों से जाना जाता है।
धूमधाम से होगी पूजा-अर्चना और उत्सव
इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। घरों को तोरण और रंगोली से सजाया जाता है। लोग नए संकल्प लेते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की शुरुआत करते हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर में भी हिंदू नववर्ष के स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। बाबा गरीब नाथ धाम के पुजारी अभिषेक पाठक ने बताया कि 30 मार्च को मंदिर में श्री राम की पूजा-अर्चना के साथ उत्सव की शुरुआत होगी। इसके बाद भक्तों के बीच विशेष प्रसाद का वितरण किया जाएगा और गुलाल खेलकर इस पर्व की खुशियां मनाई जाएंगी।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
हिंदू नववर्ष का यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोगों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार भी करता है। यह दिन एक नई शुरुआत का प्रतीक है, जो समाज में सकारात्मकता और एकता का संदेश देता है। देशभर में इस पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और लोग इसे धूमधाम से मनाने के लिए उत्साहित हैं।