पूर्व मध्य रेल (ईस्ट सेंट्रल रेलवे) के सोनपुर मंडल ने आज हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर अपने चौथे रेल कोच रेस्टोरेंट का शानदार उद्घाटन किया। इस नई शुरुआत के साथ ही सोनपुर मंडल ने ईस्ट सेंट्रल रेलवे जोन में सबसे अधिक रेल कोच रेस्टोरेंट संचालित करने का गौरव हासिल कर लिया है। यह पहल न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दे रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।
पुराने कोच का नया रूप, स्वाद का अनोखा अड्डा
हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर शुरू हुआ यह रेल कोच रेस्टोरेंट पुराने रेल डिब्बों को आधुनिक और आकर्षक रेस्तरां में बदलने का शानदार उदाहरण है। इससे पहले बरौनी, खगड़िया और रेलग्राम स्टेशनों पर संचालित रेल कोच रेस्टोरेंट्स को यात्रियों और स्थानीय लोगों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। अब हाजीपुर में यह नया रेस्टोरेंट स्टेशन परिसर में स्वादिष्ट भोजन का एक और शानदार विकल्प लेकर आया है।
₹3.5 करोड़ की कमाई, हाजीपुर से ₹76 लाख और की उम्मीद
सोनपुर मंडल को रेल कोच रेस्टोरेंट्स की इस अनूठी पहल से अब तक ₹3.5 करोड़ की आय हो चुकी है। हाजीपुर के नए रेस्टोरेंट से पूरे अनुबंध काल में ₹76 लाख की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है। यह न केवल रेलवे के लिए आर्थिक लाभ का स्रोत है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी पैदा कर रहा है।
40% बढ़ोतरी के साथ ₹35 करोड़ की अतिरिक्त आय
वित्तीय वर्ष 2023-24 में सोनपुर मंडल ने ₹35 करोड़ की अतिरिक्त (संड्री) आय हासिल की, जो पिछले साल की तुलना में 40% अधिक है। यह उपलब्धि मंडल की व्यावसायिक कुशलता और नवाचार के प्रति समर्पण को रेखांकित करती है। रेल कोच रेस्टोरेंट जैसी पहलें रेलवे संसाधनों के बेहतर उपयोग का उदाहरण पेश कर रही हैं।
यात्रियों के लिए सुविधा, अर्थव्यवस्था के लिए ताकत
ये रेल कोच रेस्टोरेंट्स सिर्फ भोजन का स्वाद ही नहीं परोस रहे, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और व्यापार को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। सोनपुर मंडल का यह प्रयास यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के साथ-साथ रेलवे की आय बढ़ाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
सोनपुर मंडल की नई उड़ान
सोनपुर मंडल लगातार नवाचार और बेहतर सुविधाओं के जरिए रेलवे के मानकों को ऊंचा कर रहा है। हाजीपुर रेल कोच रेस्टोरेंट का उद्घाटन इस दिशा में एक और कदम है, जो मंडल की प्रगति और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आने वाले दिनों में ऐसी और पहलों से रेलवे और स्थानीय समुदाय को लाभ मिलने की उम्मीद है।