मुजफ्फरपुर, Muzaffarpur Nagar Nigam : नगर विधायक विजेंद्र चौधरी की पहल पर नगर निगम बोर्ड की बैठक में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के बीच टकराव टल गया। इसका कारण बनें विवादित प्रस्तावों पर बैठक में किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई। महापौर समेत वार्ड पार्षदों ने बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुपालन नहीं होने व समस्याओं की अनदेखी पर अधिकारियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। नगर विधायक विजेंद्र चौधरी और कांटी विधायक इसराइल मंसूरी ने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का सम्मान करने की नसीहत दी। महापौर, उपमहापौर व पार्षदों को भी मिलकर शहर के विकास में लगने को कहा।

आधा दर्जन प्रस्ताव पारित किए गए

नगर निगम ऑडिटोरियम में शुक्रवार को महापौर सुरेश कुमार की अध्यक्षता में निगम बोर्ड की बैठक हुई।

पांच घंटे चली बैठक में आधा दर्जन प्रस्ताव पारित किए गए। अधिकतर समय पार्षदों के शिकवा-शिकायत में निकल गया। बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार नगर निगम को आय-व्यय का ब्योरा सार्वजनिक करना होगा। शहर के सभी मकानों का स्वकर निर्धारण किया जाएगा। विस्तारित एवं नए बने भवनों को संपत्ति कर के दायरे में लाया जाएगा। बहलखाना वर्कशॉप को विकसित व सुविधाओं से लैस किया जाएगा। सालों से कबाड़ बने वाहनों व उपकरणों की नीलामी की जाएगी।

संवेदकों के भुगतान की समय सीमा निर्धारित

बैठक में उप महापौर मानमर्दन शुक्ला द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर नक्शा स्वीकृति, म्यूटेशन व संवेदकों के भुगतान की समय सीमा निर्धारित की गई। नक्शा स्वीकृति व संवेदकों द्वारा कराए गए कार्यों का भुगतान एक माह तथा म्यूटेशन का काम दो माह के भीतर पूरा किया जाएगा। समय सीमा के भीतर काम नहीं करने वालों पर कार्रवाई होगी। नगर विधायक के सुझाव पर दस-दस वार्डों की समीक्षा कर उनकी समस्याओं व शिकायतों को दूर करने का निर्णय लिया गया। बैठक में पार्षद, अधिकारी व विधायक शामिल रहेंगे। काम में लापरवाही बरतने वाले वार्ड जमादारों को पार्षदों की शिकायत व महापौर की अनुशंसा के बाद हटाया जाएगा।

कोरोना वैक्सीन की तैयारियों की जानकारी दी

शहर को जाम से निजात दिलाने व अतिक्रमण हटाने के लिए आवश्यक संसाधन की खरीद करने का निर्णय लिया गया। कच्ची नली-गली निश्चय योजना के तहत बनने वाली लंबित सड़क व नाला निर्माण कार्य एक माह में पूरा करने का निर्णय लिया गया। आवास योजना से संबंधित समस्याओं को महापौर, उपमहापौर व नगर आयुक्त बैठक कर दूर करेंगे। इसमें महापौर व उपमहापौर के अलावा अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद, उप नगर आयुक्त राकेश कुमार व हीरा कुमारी, सीडीपीओ मुशहरी मंजू कुमारी समेत निगम के अभियंता एवं सभी शाखा प्रभारी मौजूद रहे। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के अधिकार पर चर्चा के लिए हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर कुमार को बुलाया गया था, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हुई। वहीं विश्व स्वास्थ संगठन के स्थानीय प्रभारी डॉ. आनंद ने कोरोना वैक्सीन लगाने को चल रही तैयारियों की जानकारी दी।

नहीं माने अधिकारी तो देंगे पार्षदों का साथ

मुजफ्फरपुर : नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने कहा कि विवादों को दरकिनार कर जनप्रतिनिधि व अधिकारी मिलकर शहर के विकास के लिए काम करें। अधिकारी ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे जनप्रतिनिधियों को आघात पहुंचे। बोर्ड व सशक्त स्थायी समिति के फैसलों का अनुपालन करें। लंबित योजनाओं व स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को पूरा करें। उन्होंने कहा यदि अधिकारी महापौर, उपमहापौर व पार्षदों का सम्मान नहीं करेंगे तो वे आगे से जनप्रतिनिधियों के साथ होंगे। वहीं कांटी विधायक इसराइल मंसूरी ने कहा कि पार्षद जनता के बीच रहते हैं। काम नहीं होने पर उनको जनता की नाराजगी झेलनी पड़ती है। अधिकारियों को उनकी पीड़ा समझनी होगी। उन्होंने अधिकारियों को पार्षदों के साथ मिलकर काम करने को कहा।

पार्षदों के कठघरे में रहे अधिकारी

मुजफ्फरपुर : पार्षदों ने बैठक में अधिकारियों का कठघरे में खड़ा किया। वार्ड 20 के पार्षद ने कहा कि निगम की पहली बैठक 16 अगस्त 2017 को कचरा फेकने वालों पर जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया। 29 अप्रैल 2018 को सड़कों के वर्गीकरण में सुधार को फैसला हुआ, लेकिन अब तक जमीन पर नहीं उतर पाया। ईईएसएल के साथ एलईडी लाइट लगाने के अनुबंध के अनुसार काम हुआ या नहीं ध्यान नहीं दिया गया। चोरी की बिजली से सबमर्सिबल चल रहा है। अब तक कनेक्शन नहीं लिया गया। तेल का खेल पकड़े जाने पर महापौर से साक्ष्य मांगा जाता है। आखिर अधिकारी क्या कर रहे हंै यह उनको बताना चाहिए। वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा, अजय ओझा, राजीव कुमार पंकू, केपी पप्पू, रतन शर्मा समेत कई पार्षदों ने बैठक में गंभीर सवाल उठाए।

इनपुट : जागरण

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