मुजफ्फरपुर के कांटी इलाके में बुधवार दोपहर एक बार फिर अपराधियों ने पुलिस को खुली चुनौती दी। शशिकांत डिजिटल सेवा केंद्र के संचालक जीतेंद्र कुमार से बाइक सवार दो हथियारबंद बदमाशों ने डेढ़ लाख रुपये लूट लिए। यह वही जीतेंद्र हैं, जिनके CSP से 2022 में भी 89 हजार रुपये की लूट हो चुकी है। इस बार नकदी के साथ बदमाश दो मोबाइल और दुकान की चाबी भी ले गए।
लूट का फिल्मी सीन: मास्क, गमछा और हथियार
दोपहर का वक्त, कांटी की सड़कों पर चहल-पहल। तभी अपाचे बाइक पर सवार दो बदमाश जीतेंद्र के CSP पर पहुंचे। एक ने मास्क पहना था, दूसरा गमछे से चेहरा ढके था। दोनों ने फिल्मी अंदाज में दुकान में घुसते ही हथियार निकाला। जीतेंद्र को बंधक बनाकर काउंटर से डेढ़ लाख रुपये समेटे और चंद मिनटों में बाइक पर सवार होकर गायब हो गए। जीतेंद्र ने शोर मचाया, लेकिन तब तक बदमाश हवा में मिल चुके थे।
सीसीटीवी की नाकामी: बिजली नहीं, सुरक्षा भी नहीं
जीतेंद्र ने पुलिस को बताया कि उनके CSP में सीसीटीवी तो लगा है, लेकिन बिजली गुल होने की वजह से वह काम नहीं कर रहा था। यह महज इत्तेफाक है या लचर सिस्टम की हकीकत? आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के लिए अब तक कोई ठोस सुराग नहीं दे पाए। सवाल उठता है कि जब तकनीक ही फेल है, तो अपराधियों का डर कैसे खत्म होगा?
पुलिस की कार्रवाई: दावे बड़े, नतीजे ढूंढे नहीं मिलते
वारदात की सूचना मिलते ही डीएसपी पश्चिमी सुचित्रा कुमारी और थानेदार रामनाथ प्रसाद मौके पर पहुंचे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने और छापेमारी की बात कही। डीएसपी ने दावा किया, “अपराधी जिस दिशा में भागे, वहां चेकिंग चल रही है। जल्द गिरफ्तारी होगी।” लेकिन स्थानीय लोगों में गुस्सा है। उनका कहना है कि 2022 की लूट के बाद भी पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया। जीतेंद्र जैसे छोटे कारोबारियों की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए?