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मुजफ्फरपुर, रामदयालु सिंह कॉलेज में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास, दिल्ली द्वारा 19-28 सितंबर तक आयोजित स्वराज्य-पर्व एवं गणपति-उत्सव सह साहित्य और संस्कृति समागम का गुरुवार को भगवान श्री बाल गणेश के विसर्जन और मुजफ्फरपुर में अतिशीघ्र लोकमान्य तिलक पुस्तकालय सह राष्ट्रीय संग्रहालय स्थापित करने के संकल्प के साथ समापन हो गया।

सुबह भगवान गणपति के विधिपूर्वक पूजन-अर्चन और हवन आदि अनुष्ठानों के सम्पन्न होने के बाद ‘गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया’ की जय-जयकार के साथ श्री बाल गणेश जी की प्रतिमा को रामदयालु सिंह कॉलेज परिसर स्थित सरोवर के जल में विसर्जित किया गया। ज्ञातव्य है कि गणपति की देश भर की 24 हज़ार प्रतिमाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रतिमा के रूप में चयनित गणपति की विशाल प्रतिमा, जो पुणे में निर्मित हुई थी, उसे वरिष्ठ कवि और स्वराज्य-पर्व एवं गणपति-उत्सव के संयोजक संजय पंकज के हथौड़ी थाना स्थित गांव बेरई में स्थापित किया जायेगा। इस अवसर पर पुणे के प्रसिद्ध मूर्तिकार द्वारा निर्मित लोकमान्य तिलक की प्रतिमा रामदयालु सिंह कॉलेज के रामदयालु सिंह संग्रहालय में स्थापित की गयी।

स्वराज्य-पर्व और गणपति-उत्सव की एक बड़ी उपलब्धि यह रही कि इसके मंच से राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति न्यास, दिल्ली के अध्यक्ष नीरज कुमार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्थानीय गणमान्य नागरिकों के सहयोग से मुजफ्फरपुर में एक लोकमान्य तिलक पुस्तकालय सह राष्ट्रीय संग्रहालय की स्थापना की घोषणा की गयी। लोकमान्य तिलक का मुजफ्फरपुर के साथ जो आत्मीय और जीवंत संबंध रहा था, उसकी विरासत को संरक्षित करने और एक राष्ट्रीय पुस्तक संस्कृति को विकसित करने की दृष्टि से यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा सकती है।

विसर्जन के अवसर पर सह-संयोजक अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने कहा कि शहर के साथ ने गणपति-उत्सव के स्वराज्य-पर्व के संकल्प को पुरा किया। मुजफ्फरपुर के आम जन को बधाई एवं साधुवाद। इस अवसर पर पुर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, आर.डी.एस. कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अमिता शर्मा, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. मिनू , डॉ. पयोली, रघुनंदन प्रसाद सिंह, अखिलेश चंद्र राय, सुगंध, प्रभाष कुमार, सुनील कुमार, सियाराम तिवारी, शौरभ, सुधांशु, अमित कुमार, रामप्रवेश सिंह, रिद्धि कुमारी, गणेश प्रसाद सिंह, सुनील गुप्ता, राजीव रंजन शाही, शैलेंद्र कुमार, डब्लू चौधरी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

3 thoughts on “स्वराज्य-पर्व के बाल गणेश के विसर्जन के साथ गणपति-उत्सव सह साहित्य-संस्कृति समागम का समापन।”
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