मुजफ्फरपुर, लंगट सिंह कॉलेज में जुलाई से शुरू हो रहे नए सत्र में शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा नैक मूल्यांकन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सभी शिक्षको को एक बैठक आयोजित की गई. अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2023 से स्नातक प्रोग्राम की पढ़ाई का फ्रेमवर्क पूरी तरह से बदलने जा रहा है. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में भी चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम शुरू हो रहा है, शिक्षको को इस हिसाब से कार्ययोजना बनाने की जरूरत है.

नैक मूल्यांकन पर प्रो राय ने कहा कि अब नैक मूल्यांकन के बिना रूसा, यूजीसी और सरकार से कोई अनुदान भी नही मिल पाएगा. उन्होंने पिछले दिनों आयोजित नैक कार्यशाला में सलाहकारों द्वारा सुझाए गए बिंदुओं पर विशेष टास्क फोर्स बनाकर उनको तय समय में उन्हें पूरा करने का निर्देश दिया. जिससे एसएसआर समय पर जमा किया जा सके.

प्रो राय ने कहा कि विगत वर्षो में सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर, लैब एवम उपकरण तथा छात्रों को अन्य सुविधाओं के लिए बहुत काम हुए हैं जिसका फायदा निश्चित रूप से नैक मूल्यांकन में होगा. उन्होंने सभी शिक्षको से नैक मूल्यांकन में सक्रिय भागीदारी देने की अपील करते हुए कहा की सिर्फ आईक्यूएसी के भरोसे नैक मूल्यांकन सफलतापूर्वक नही हो सकता.

बैठक में कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र एसोसिएशन को कॉलेज के विकास में सक्रिय योगदान के लिए प्रभावी बनाने के उद्देश्य से कॉलेज के वर्तमान शिक्षक जो पूर्ववर्ती छात्र भी है , उनकी प्राचार्य प्रो राय की अध्यक्षता में एक कमिटी भी बनाई गई. आईक्यूएसी कोर्डिनेटर प्रो राजीव कुमार ने बैठक में एसएसआर संबंधित तैयारियों का ब्योरा प्रस्तुत किया.

बैठक में प्रो अशोक अंशुमन, प्रो पीयूष वर्मा, प्रो राजीव झा, प्रो जफर सुलतान, प्रो विजय कुमार, डॉ ऋतुराज कुमार, डॉ फैयाज अहमद, डॉ अर्धेंदु, डॉ नवीन कुमार, डॉ ललित किशोर, डॉ कुमार बलवंत सहित अन्य मौजूद रहे।

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