मुजफ्फरपुर: 28 जून 2024, आज आंदोलन के दूसरे दिन सामाजिक विज्ञान विभाग से सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं का जुलूस निकलकर विश्वविद्यालय पहुंचा एवं धरना में तब्दील हो गया। जुलूस में शामिल सभी छात्र छात्र- छात्राएं, इंकलाब जिंदाबाद, बिहार सरकार के कानून के अनुसार सभी छात्राओं तथा एससी – एसटी छात्रों को निःशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करों, मिथिला विश्वविद्यालय एवं पटना विश्वविद्यालय में निःशुल्क फिर बिहार विश्वविद्यालय में फीस क्यों? विश्वविद्यालय प्रशासन जवाब दो, बिहार विश्वविद्यालय तानाशाही बंद करो आदि नारें लगा रहें थे।
धरना- प्रदर्शन में छात्र- छात्राओं ने कहा कि 2015 से लेकर 2022- 23 सत्र तक पीजी विभागों में एससी/एसटी छात्रों एवं सभी वर्ग की छात्राओं का निःशुल्क नामांकन होता रहा है। यहां तक की बगल के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों में एससी/ एसटी छात्रों एवं सभी कोटि के छात्राओं का नि:शुल्क नामांकन हो रहा है। लेकिन बीआरए बिहार विश्वविद्यालय प्रशासन उक्त छात्रों से फीस वसूल करने का तानाशाही फरमान जारी कर दिया है।
धरना सभा से छात्राओं ने बिहार सरकार के कानून के अनुसार एससी / एसटी छात्रों एवं सभी वर्ग की छात्राओं के लिए निःशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करने, उक्त छात्र छात्राओं से ली गई राशि लौटाने, जरूरतमंद सभी छात्र- छात्राओं के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था करने की मांग की।
धरना के अंत में घोषणा किया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है, विश्वविद्यालय में धरना- प्रदर्शन जारी रहेगा।
धरना- प्रदर्शन का नेतृत्व चंदन कुमार, राजीव रंजन, दीपशिखा कुमारी, निधि कुमारी, उजाला कुमारी, पूजा कुमारी, रिया कुमारी, अनु कुमारी, सौरभ सावर्ण, हिमांशु कुमार, ओमप्रकाश, हरिओम कुमार, शिव कुमार, यशवंत कुमार, मनीषा कुमारी, मुस्कान कुमारी, किरण कुमारी, अनन्या कुमारी, शिखा, दिव्या कुमारी, सुषमा कुमारी, विक्रम कुमार आदि कर रहे थे।
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