महान शिक्षाविद डॉ० महेश प्रसाद रॉय की स्मृति में रॉय कॉलेज ऑफ एजुकेशन में उनकी द्वितीय पुण्यतिथि पर पुष्पांजली एवं सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, कुढ़नी विधायक केदार गुप्ता, महापौर निर्मला देवी साहू, पूर्व विधायक बेबी कुमारी सहित कई गणमान्य लोगो ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

पुष्पांजली अर्पित करते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य शिक्षक तथा शिक्षार्थी दोनों को शिक्षा में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ आध्यात्मिक होना भी आवश्यक है ताकि छात्र शिक्षा प्राप्त कर अपना, समाज तथा राष्ट्रहित में सकारात्मक सोच से कार्य कर सके। डॉ० महेश प्रसाद रॉय का शिक्षा के क्षेत्र में एक साधारण शिक्षक से रॉय एजुकेशनल फाउण्डेशन ट्रस्ट की स्थापना का उनका सफर समाज के लिए काफी महत्त्वपूर्ण रहा।

ज्ञात हो कि रॉय एजुकेशनल फाउण्डेशन ट्रस्ट के अन्तर्गत आज CBSE (+2) Affiliated ज्ञान गंगा पब्लिक स्कूल, B.Ed., D.El.Ed. की पढ़ाई के लिए रॉय कॉलेज ऑफ एजुकेशन, BBA & BCA की पढ़ाई के लिए रॉय इंस्टिच्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट स्टडीज एण्ड रिसर्च, SRM प्राईवेट आई०टी०आई० आदि संस्थान समाज में डॉ० महेश प्रसाद रॉय के योगदान को स्मारित करते हैं।

भाजपा की वरीय नेतृ एवं इस संस्थान की सचिव प्रो० (डॉ०) तारण रॉय ने कहा कि डॉ० महेश प्रसाद रॉय जी सेवानिवृति के बाद अक्सर कहा करते थे कि ‘‘सरकार ने मुझे सेवानिवृत किया है परन्तु अंतिम सांस तक मैं शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाता रहूँगा‘‘ और यही सोच कर वह जीवन के अंतिम क्षण तक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते रहे। यह अद्भुत संयोग है कि उनका जन्मतिथि 02.02.1954 और पुण्यतिथि भी 02.02.2021 है। वह दिनांक-02.02.2021 के शाम तक वे अपने वादानुसार शिक्षा का अलख जगाते रहे और रात्री में हमलोगों को छोड़कर सदा के लिए चले गये।

पूर्व मंत्री श्री सुरेश शर्मा ने कहा कि आज डॉ० महेश प्रसाद रॉय जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन शहर के विभिन्न संस्थानों की स्थापना में उनका महत्तवपूर्ण योगदान रहा है। विभिन्न संस्थायें शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा के लिए हमें याद दिलाती रहेंगीं। संस्थान की निदेशिका एवं उनकी पुत्री डॉ० मोनालिशा एवं श्रीमती मिरूनिशा ने पुष्पांजली अर्पित करते हुए भावविह्वल होकर सिर्फ इतना कह पाई की आपलोगों के आशिर्वाद एवं सहयोग से मैं अपने पिता जी की अधूरी इच्छा को पूरा करूँगी और उनकी तरह ही मैं शिक्षा का अलख जगाये रखने की पूरी कोशिश करूँगी।


पूर्व विधान पार्षद नरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि महेश बाबू मेरे अभिन्न मित्रों में से एक थे शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने प्रथम योगदान द्वारिकानाथ हाईस्कूल में दिया एवं उच्च विद्यालय, बघनगरी से सेवानिवृति के बाद शहर के विभिन्न संस्थानों की स्थापना में सहयोग किया एवं वर्ष 2014 में अपनी संस्था रॉय एजुकेशनल फाउण्डेशन ट्रस्ट की स्थापना की। महेश जी आज हमारे बीच नहीं हैं इसका मुझे काफी दुःख है लेकिन खुशी है कि उनकी पुत्री उनके अधूरे कार्य को पूरा करने में लगी हुई है। मेरा आशीर्वाद सदा उसके साथ है।

पुष्पांजली सभा के उपरान्त संगीतमय सुन्दरकाण्ड का पाठ आरम्भ हुआ। सुन्दरकाण्ड पाठ में पंडित गिरी जी ने अपने द्वारा गाये विभिन्न भजनों द्वारा लोगों की छलकती आँसू को थमने पर मजबूर कर दिया। सुन्दरकाण्ड पाठ कथावाचक द्वारा विभिन्न चौपाईओं का हिन्दी विश्लेषण कर हनुमान जी द्वारा माता सीता की खोज और राक्षसों के संहार का वर्णन किया। यूँ तो संपूर्ण मानस में श्री रामचन्द्र के शौर्य और विजय गाथा का वर्णन है परन्तु सुन्दरकाण्ड में मुख्य रूप से भक्त हनुमान के बल और विजय का उल्लेख है।


इस अवसर पर केदार गुप्ता ने कहा कि सुन्दरकाण्ड का पाठ करने से हमारे अन्दर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में व्यक्ति द्वारा किये जाने वाले किसी भी कार्य का परिणाम हमेशा सकारात्मक ही होता है। इसलिए हर घर में सुन्दरकाण्ड का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर आये अतिथि निर्मला देवी साहू ने कहा कि सुन्दरकाण्ड हमें सीख देता है कि जब तक हम अपने लक्ष्य को पूरा न कर लें तब तक विश्राम नहीं करना चाहिए। सुन्दरकाण्ड के इस सीख को हमें अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस अवसर पर शहर के विभिन्न शिक्षाविद्, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, ग्रामीण आदि उपस्थित थे।

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