मुजफ्फरपुर, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में मंगलवार को कर्मी की ओर से सीतामढ़ी के छात्र रविशंकर पासवान के साथ मारपीट मामले की जांच शुरू हो गई है। बुधवार को पुलिस की ओर से विश्वविद्यालय को लिखा गया कि कर्मी का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाए। आरोपी कर्मी का विवरण और सीसीटीवी का फुटेज मांगा गया है। घटना के बाद से पार्ट टू सेक्शन के कर्मी सह आरोपी अभिरेंद्र का मोबाइल बंद आ रहा है।
बुधवार को बिना सूचना दिए वह विवि से अनुपस्थित रहा। थानाध्यक्ष श्रीकांत सिन्हा ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। यदि विवि से सीसी कैमरे का फुटेज उपलब्ध हो जाता है तो उसे देखा जाएगा। साथ ही फुटेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में छात्र के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
कुलानुशासक प्रो.अजीत कुमार ने बताया कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण विवि में सीसी कैमरे का फुटेज स्टोर नहीं हो पा रहा है। विशेषज्ञ इसे देख रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए विवि प्रशासन तत्पर है। इधर छात्र ने शिकायत की है कि आरोपी के परिचित फोन कर उसपर प्राथमिकी वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
फुटेज नहीं मिलने से कर्मी को बचाने का हो रहा संदेह विवि की ओर से सीसी कैमरे का फुटेज का स्टोरेज नहीं होने की बात कही गई है। इसपर छात्र नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है। कहा है कि विवि में सिर्फ दिखावे के लिए कैमरे लगे हैं। उसपर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च हो रहे तो स्टोरेज क्यों नहीं हो रहा।
ऐसे में यदि किसी महत्वपूर्ण कागजातों की हेराफरी हो जाए या बड़ी घटना हो जाए तो विवि प्रशासन के पास प्रमाण के रूप में कुछ रहेगा ही नहीं। विवि के अधिकारी अब तकनीकी विशेषज्ञों से जांच कराने की बात कह रहे हैं। बिचौलियों से है कर्मचारियों की सांठगांठ विवि की डिग्री प्रशाखा के साथ ही पेंडिंग सुधार व अन्य कई प्रशाखा के कर्मचारियों और बिचौलियों की सांठगांठ है। इस कारण कई बार छात्रों की ओर से नाराजगी व्यक्त करने पर छात्र के वेश में घूम रहे बिचौलिए कर्मचारी के समर्थन में आकर छात्रों की पिटाई करते हैं।
इस वर्ष में तीन बार इस प्रकार का मामला सामने आया है। सीतामढ़ी के ही छात्र से ही बिचौलिए ने पैसा मांगा था। उसका फोटो खींचने पर छात्र का मोबाइल तोड़ दिया गया था और पिटाई भी की गई थी, लेकिन वह मामला सीसी कैमरा में नहीं आ सका। केस 1 : 2020 में डिग्री लेने आए छात्र का फोड़ा था सिर विश्वविद्यालय में कर्मचारी की ओर से छात्र की पिटाई का यह पहला मामला नहीं है।
डेढ़ वर्ष पूर्व डिग्री लेने आए एक छात्र ने छात्र की बेरहमी से पिटाई की थी। छात्र की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराने के कुछ दिन तक कर्मी कार्यालय से फरार रहे और फिर मामला दब गया। केस 2 : 2018 में फीस वृद्धि के समय भी छात्रों की हुई थी पिटाई तीन वर्ष पूर्व बीएड के फीस वृद्धि के विरोध में आंदोलन करने विवि पहुंचे विद्यार्थियों को भी कर्मचारियों ने पीटा था। उस समय कई विद्यार्थियों को चोट आई थी।
कई छात्र दूसरे जिले से आए थे केस करने पर उन्हें धमकी दी गई तो मामला दब गया था। विद्यार्थी परिषद ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई की मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विवि संयोजक सह सीनेटर केशरीनंदन शर्मा ने इस मामले में आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। केशरीनंदन ने कहा कि ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित करने की जरूरत है। यह विश्वविद्यालय छात्रों के लिए है और छात्रों के साथ ही दुर्व्यवहार करना अपराध है।
इनपुट : जागरण