बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय बनने के बाद पहली बार होम सेंटर पर हो रही बीटेक सातवें सेमेस्टर की परीक्षा के पहले ही दिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज छपरा में विद्यार्थियों ने कदाचार से रोके जाने पर जमकर हंगामा किया।

परीक्षा देकर निकलने के दौरान मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के डेढ़ दर्जन प्राध्यापकों को चार घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया।

गेट से बाहर निकलने के दौरान छात्रों का समूह एमआईटी के प्राध्यापकों के साथ गाली-गलौज करने लगा। साथ ही हाथापाई पर भी उतारू हो गया।

इस दौरान बचने के क्रम में दो शिक्षक चोटिल भी हो गए। स्थिति अनियंत्रित देख शिक्षकों ने एमआईटी के प्राचार्य के साथ ही सारण के एसपी को भी इसकी सूचना दी, जिसके बाद भी पुलिस काफी देर से वहां पहुंची।

यह है पूरा मामला

एमआईटी के कई प्राध्यापकों ने बताया कि परीक्षा के पहले ही दिन वहां के विद्यार्थी चिट-पुर्जा लेकर पहुंचे थे। परीक्षा शुरू होते ही वे इसे निकालने लगे।

इसपर प्राध्यापकों ने उन्हें रोका और कदाचार के आरोप में कई विद्यार्थियों की कॉपी ले ली गई। यहीं से छात्रों ने इन प्राध्यापकों के खिलाफ गोलबंदी शुरू कर दी और बाहर देख लेने की धमकी दी।

एमआईटी के प्राचार्य डॉ. सीबी महतो ने बताया कि परीक्षा ड्यूटी में गए प्राध्यापकों ने फोन कर बताया कि उन्हें बंधक बनाया गया है। छात्र दुर्व्यवहार कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को फोन कर इसकी जानकारी दी।

एमआईटी के प्राध्यापकों का कहना है कि एक ओर विश्वविद्यालय ने कदाचारमुक्त परीक्षा लेने का आदेश दिया है। दूसरी ओर कदाचार रोकने पर उनके साथ इस प्रकार की घटना हुई है।
ऐसे में आगे बिना सुरक्षा वे वीक्षण कार्य नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा की सूचना पूर्व में ही विश्वविद्यालय ने पुलिस और प्रशासन को दी थी। इसके बाद भी परीक्षा के दौरान पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं थी।

इन प्राध्यापकों को आगे की परीक्षा से हटाने की कर रहे मांग

लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज छपरा के छात्रों की ओर से हंगामा की सूचना के बाद एसडीएम और पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे।

छात्रों ने कहा कि इन प्राध्यापकों को अगले दिन से वीक्षण कार्य से हटाया जाए। इसके बाद ही वे परीक्षा देंगे।एसडीएम ने छात्रों को समझाकर शांत किया और इसके बाद प्राध्यापकों को वहां से निकाला।

इधर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज छपरा के प्राचार्य डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह का कहना है कि परीक्षा के दौरान छात्रों ने किसी भी शिक्षक को बंधक नहीं बनाया था।

हंगामा के बाद पुलिस के आने में देरी होने के कारण हमने ही शिक्षकों को रोक दिया था, ताकि कोई अन्य अशोभनीय घटना न हो जाए। थोड़ी ही देर में मामले को शांत करा दिया गया।

एमआईटी में छपरा के प्राध्यापक कर रहे वीक्षण कार्य बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय बनने के बाद पहली बार इंजीनियरिंग कॉलेजों में होम सेंटर दिया गया है।

वीक्षण कार्य का जिम्मा दूसरे कॉलेज के शिक्षकों को दिया गया है। ऐसे में लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज छपरा के प्राध्यापक एमआईटी में और एमआईटी के शिक्षक वहां वीक्षण कार्य कर रहे हैं।

इनपुट : दैनिक जागरण

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