पटनाः Bihar Diwas Today: साल था 1912 और तारीख 22 मार्च. अंग्रेजों ने इसी दिन भूमि के एक बड़े हिस्से को बंगाल से अलग कर दिया, नाम दिया बिहार. आज बिहार की पहचान के कई प्रतीक चिह्न हैं, लेकिन इनमें सबसे दिलचस्प है बिहार का राज्य गीत. अपने देश के राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के अलावा बिहार के राज्यगीत के बारे में आप शायद कम ही जानते होंगे. बिहार के राज्यगीत पर डालते हैं एक नजर

बिहार की पहचान में कई तत्व शामिल
राज्य गठन और स्थापना के बाद इसमें कई ऐसे तत्व भी शामिल किए गए, जो इसे राज्य के तौर पर पहचान देते हैं. इनमें है बिहार का प्रतीक राजकीय चिह्न, राजकीय फूल, राजकीय भाषा, खेल, पशु, पक्षी और राज्य गीत और राज्य प्रार्थना.

बिहार के राज्यगीत में क्या है खास
बिहार उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जिसके पास अपना राज्य गीत है. बिहार का राज्य गीत है, मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत-शत वंदन बिहार. बिहार राज्य की महिमा को बखान करता ये गीत राज्य की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत को शब्दों में पिरोते हुए चलता है. गीत में महर्षि वाल्मीकि का जिक्र आया है, साथ ही सबसे पहले लोकतंत्र स्थापित करने वाले राज्य गणतंत्र वैशाली का भी जिक्र है.

साल 2012 में शामिल किया गया राज्यगीत
जैसे-जैसे पंक्तियां आगे बढ़ती जाती हैं, इनमें अशोक, नालंदा, महात्मा बुद्ध और महावीर से लेकर आर्यभट्ट, शेरशाह तक सम्मान सहित स्थान मिला है. बिहार को ये गीत, राज्य गठन के 100 साल पूरे होने पर मिला था. जब सीएम नीतीश की ही कैबिनेट ने साल 2012 में इसे मंजूरी दी थी. उस साल बिहार दिवस के मौके पर इसे प्रस्तुत किया गया और तब से हर सरकारी कार्यक्रम की शुरुआत में इसे गाया जाता है.

बिहार का है एक प्रार्थना गीत
बिहार के इस राज्य गीत को प्रख्यात बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया और प्रसिद्ध संतूर वादक शिवकुमार शर्मा ने सुरों से सजाया है. जिन्होंने इस गीत को शब्द दिए हैं वे हैं मशहूर कवि सत्य नारायण. कवि सत्यनारायण को उनके कविता संग्रहों के लिए भी जाना जाता है. इसके अलावा बिहार का एक प्रार्थना गीत भी है. जिसके बोल हैं मेरी रफ्तार पर सूरज की किरणें नाज करें. मशहूर सिंगर उदित नारायण ने इसे अपनी आवाज दी है. गीत के बोल मुजफ्फरपुर जिले के उर्दू मिडिल स्कूल के शिक्षक चिस्ती ने लिखे थे.

ये है राज्य गीत

मेरे भारत के कंठहार,
तुझको शत-शत वंदन बिहार!
मेरे भारत के कंठहार,
तुझ को शत-शत वंदन बिहार!

तू वाल्मीकि की रामायण,
तू वैशाली का लोकतंत्र!
तू बोधी तत्व की करूणा है,
तू महावीर का शांतिमंत्र!

तू नालंदा का ज्ञानद्वीप,
तू ही अक्षत चंदन बिहार!
तू है अशोक की धर्म ध्वजा,
तू गुरु गोविंद की वाणी है!

तू आर्यभट्ट , तू शेर शाह,
तू कुंवर सिंह की बलिदानी है!
तू बापु की है कर्मभूमि,
धरती का नंदनवन बिहार!

तेरी गौरवगाथा अपूर्व,
तू विश्वशांति का अग्रदूत!
लौटेगा हमारा स्वाभिमान,
अब जाग चुके तेरे सपूत!

अब तू माथे का विजय तिलक,
तू आँखों का अंजन बिहार!
तुझको शत-शत वंदन बिहार,
मेरे भारत के कंठहार!

यहां पढ़िए बिहार राज्य प्रार्थना

मेरी रफ्तार पे सूरज की किरण नाज करे
ऐसी परवाज दे मालिक कि गगन नाज करे

वो नजर दे कि करूं कद्र हरेक मजहब की
वो मुहब्बत दे मुझे अमनो अमन नाज करे
मेरी खुशबू से महक जाये ये दुनिया मालिक

मुझको वो फूल बना सारा चमन नाज करे
इल्म कुछ ऐसा दे मैं काम सबों के आऊँ
हौसला ऐसा हीं दे गंग जमन नाज करे

आधे रस्ते पे न रूक जाये मुसाफिर के कदम
शौक मंजिल का हो इतना कि थकन नाज करे
दीप से दीप जलायें कि चमक उठे बिहार

ऐसी खूबी दे ऐ मालिक कि वतन नाज करे
जय बिहार जय बिहार जय जय जय जय बिहार

Source : Zee News

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