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नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। School Reopening Guidelines 2020: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा स्कूलों के फिर से खोले जाने को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) और दिशा-निर्देश जारी किये हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा आज, 5 अक्टूबर को दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार स्कूलों के फिर से खोले जाने के कम से कम दो से तीन सप्ताह के भीतर कोई भी एसेसमेंट टेस्ट नहीं लिया जाएगा और ऑनलाइन लर्निंग जारी रहेगी, जिसे प्रोत्साहित किया जाता रहेगा। मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में 30 सितंबर को अनलॉक 5 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप स्कूलों को फिर से खोले जाने के सम्बन्ध में एसओपी/गाइडलाइंस तैयार किये हैं।

अनलॉक 5 के दिशा-निर्देशों में स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को 15 अक्टूबर 2020 के बाद से खोले जाने की छूट दी गयी है। हालांकि, इस सम्बन्ध में अंतिम निर्णय सम्बन्धित राज्यों की सरकार द्वारा लिया जाना है।

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रिओपेनिंग गाइडलाइंस 2020 को लेकर शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

वहीं, आज को जारी स्कूल रिओपेनिंग गाइडलाइंस 2020 के बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जानकारी देत हुए कहा कि स्कूलों को फिर से खोले जाने की तिथि से दो से तीन सप्ताह तक कोई भी एसेसमेंट टेस्ट न लेने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही, शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा तैयार और हाल ही में जारी किये गये वैकल्पिक एकेडेमिक कैलेंडर को लागू किया जा सकता है। वहीं, स्कूलों में मिड-डे मील और तैयार करते और परोसे जाते समय सावधानी रखी जानी चाहिए।

स्कूल रिओपेनिंग गाइडलाइंस 2020 की ये हैं मुख्य बातें

  1. स्कूल खुलने के दो-तीन सप्ताह तक एसेसमेंट टेस्ट नही लेना होगा।
  2. स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा तैयार वैकल्पिक एकेडेमिक कैलेंडर को लागू किया जा सकता है।
  3. स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करते और परोसे जाते समय सावधानी रखनी होगी।
  4. स्कूल परिसर में किचन, कैंटीन, वाशरूम, लैब, लाइब्रेरी, आदि समेत सभी स्थानों पर साफ-सफाई और कीटाणुरहित करते रहने की व्यवस्था करनी होगी।
  5. इमर्जेंसी केयर सपोर्ट/रिस्पांस टीम, सभी के लिए जनरल सपोर्ट टीम, कमोडिटी सपोर्ट टीम, हाईजीन इस्पेक्शन टीम, आदि जैसी टीमों का गठन जिम्मदारी सहित सभी स्कूलों द्वारा किया जा सकता है।
  6. केंद्र सरकार और सम्बन्धित राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक स्कूल स्वयं भी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बना सकते हैं। इसमें सामाजिक दूरी और सुरक्षा के नियम शामिल होने चाहिए। इन्हें स्कूल को नोटिस बोर्ड पर लगाने के साथ-साथ पैरेंट्स को स्कूल के कम्यूनिकेशन सिस्टम के माध्यम से भेजा जाना चाहिए।
  7. कक्षाओं में बैठने के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करना होगा, कार्यक्रम और आयोजनों से बचना चाहिए, स्कूल आने और जाने के टाइम-टेबल बनाना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए।सभी छात्र-छात्राएं और स्टाफ फेस कवर या मास्क लगाकर ही स्कूल आएंगे और पूरे समय के दौरान इसे पहने रहेंगे, विशेषतौर पर कक्षाओं के दौरान या सामूहिक कार्यों या मेस में खाने या लैब में परीक्षण करने के दौरान।
  8. स्कूल में विभिन्न स्थानों पर सामाजिक दूरी और अन्य जरूरी नियमों को बताने वाले बोर्ड या सूचना पट्ट लगाने होंगे।
  9. राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की सरकारें वहां के अभिभावकों से उनके बच्चों के स्कूल जाने को लेकर सहमति मांग सकती हैं। जो छात्र घर से पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं उन्हें इनमे के लिए अनुमति होगी।
  10. सभी छात्रों, पैरेंट्स, टीचर्स और अन्य को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कोविड- 19 से लड़ने में उनकी भूमिका के बारे जागरूक करना होगा।
  11. सभी कक्षाओं के लिए क्लास और एग्जाम के लिए शैक्षणिक कैलेंडर बनाना होगा। स्कूल में डॉक्टर या नर्स या अटेंडेंट फुल टाइम मौजूद होना चाहिए।

इनपुट : जागरण

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