मुजफ्फरपुर, 10 सितम्बर 2024, बाबासाहेब भीमराव अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता व भ्रष्टाचार, बेतहाशा नामांकन शुल्क वृद्धि, परीक्षा परिणाम में व्यापक गड़बड़ी , प्रमाण पत्र वितरण में अवैध वसूली व परिसर में मूलभूत समस्याओं जैसे विभिन्न मुद्दो को लेकर अभाविप, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, वैशाली एवं बेतिया विभाग के कार्यकर्ताओं द्वारा विश्वविद्यालय मुख्यालय में आज एक दिवसीय आक्रोश मार्च निकालकर धरना प्रर्दशन किया।
यह आक्रोश मार्च लंगट सिंह कॉलेज से होते हुए विभिन्न विश्वविद्यालय विभागों के साथ विश्वविद्यालय धरना स्थल पहुंच कर धरना दिया।
![](https://i0.wp.com/tirhutnow.com/wp-content/uploads/2024/09/img-20240910-wa01515902657263475743138-1024x576.jpg?resize=640%2C360&ssl=1)
धरना के शुरुआत में विश्वविद्यालय के DSW धरना स्थल पहुंचकर वार्ता करने का प्रयास किया किंतु कार्यकर्ताओ ने गो बैक का नारा लगाते हुए उन्हें वापस भेज दिया, फिर उसके बाद कुलानुशासक, परीक्षा नियंत्रक के साथ DSW पुनः वापस वार्ता करने आए तब कार्यकर्ताओ का गुस्सा और ज्यादा बढ़ा गया, और नोकझोक भी हुई, कार्यकर्ताओ का साफ मांग था की कुलपति के साथ ही सभी पदाधिकारी से वार्ता होगी। लगभग तीन घंटे के धरना के बाद कुलपति धरना स्थल पर पहुंच कर कार्यकर्ता से वार्ता की, मौके पर अभाविप से पांच सदस्यीय समिति ने कुलपति से अपनी मांगों को रखा। वार्ता में मुजफ्फरपुर महानगर जिला संयोजक मयंक मिश्रा ने अपनी मांग पत्र का बिंदुवार चर्चा करते हुए अपने विषय को रखा।
सबसे पहले पार्ट 2 एवं पीजी 1st सेमेस्टर के परिणाम में व्यापक रूप से धांधली की गई है। जिसमे बहुत से छात्र छात्राओं को पेंडिंग एवम एक दो नंबर देकर प्रमोटेड कर दिया गया हैं। इसपे अभाविप कार्यकर्ताओं ने उत्तर पुस्तिका की पुनः मूल्यांकन की मांग रखी ।
![](https://i0.wp.com/tirhutnow.com/wp-content/uploads/2024/09/img-20240910-wa01521395665408181337133-1024x576.jpg?resize=640%2C360&ssl=1)
1. जब राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा नई शिक्षा नीति के लागू होते ही बिहार के सभी महाविद्यालयों की फीस एक समान है तो फिर BRABU में अलग-अलग महाविद्यालय की फीस अलग-अलग क्यों है ? इतना ही नहीं निजी संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय में भी फीस स्वरूप अलग है जिस वजह से आम और गरीब छात्र-छात्राओं का जमकर शोषण होता है । अतः इस फीस असमानता को अतिशीघ्र दूर किया जाय ।
2. नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर प्रणाली प्रारंभ होने के बाद राज भवन के द्वारा स्नातक में नामांकन हेतु अत्यधिक फीस रखी गई है प्रति सेमेस्टर कम-से-कम 3 हजार से 4 हजार के आसपास शुल्क है । ऐसे में गरीब छात्र-छात्रा पूरे 4 वर्ष कैसे पढ़ाई कर पाएंगे ? कैसे गरीब छात्र 8 सेमेस्टर तक की फीस भर सकेंगे और कैसे वे उच्च शिक्षा में आगे पढ़ाई कर सकेंगे ? राज्य सरकार की तरफ से अनुसूचित जाति/ जनजाति एवं सभी वर्ग के छात्राओं को सरकारी महाविद्यालय में छूट तो है लेकिन संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय में कोई किसी प्रकार की छूट नहीं होने से आम गरीब छात्र-छात्राओं का शोषण होना प्रारंभ हो गया है । इस हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन इस ज्ञापन के मांग को उच्च शिक्षा विभाग एवं राजभवन को अतिशीघ्र अवगत कराएं ।
3. महाविद्यालयों को दिए गए सम्बधता को पुनर्मूल्यांकित किया जाये तथा मापदंड पर खड़ा नहीं उतरने वाले महाविद्यालयों की सम्बधता को अविलम्ब रद्द किया जाये ।
4. छात्रहित को ध्यान में रखते हुए सिंगल विंडो सिस्टम चालू कर कार्यावधि पर समस्या का समाधान सुनिश्चित कराई जाये ।
5. बेतिया में खुले एक्सटेंसन काउंटर में कर्मचारियों की अतिशीघ्र नियुक्ति कर विधिवत चालू किया जाय ।
6. विश्वविद्यालय द्वारा एजेंसी से लिए गये कार्य का अवलोकन एवं एजेंसी को किये गये भुगतान की निष्पक्ष जाँच करायी जाये ।
7. एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय से कार्य करने वाले कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जाये एवं आगे भी कर्मचारियों के रूटीन ट्रांसफर के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये ।
8. पूछताछ हेतु विश्वविद्यालय में एक केन्द्रीकृत काउंटर एवं टॉल फ्री नम्बर जारी किया जाये ।
9. लंगट सिंह महाविद्यालय के सभी छात्रावासों ( पुरुष एवं महिला ) को अविलम्ब खोला जाये ।
10. स्नातक व स्नातकोत्तर में सभी वर्ग के छात्राओं एवं SC/ST छात्रों का निःशुल्क शिक्षा ( किसी भी तरह के शुल्क नहीं लेने ) का प्रावधान है किंतु फिर भी उनसे नामांकन शुल्क एवं अन्य मद में शुल्क लिया गया है, उसे अविलम्ब वापस किया जाये ।
11. चतुर्थ वर्षीय स्नातक में सेमेस्टर प्रणाली के कारण हुए बेतहाशा फीस वृद्धि को वापस लिया जाये ।
12. छात्राओं के लिए छात्रावासों, विश्वविद्यालय विभागों एवं महाविद्यालयों में सिनेटरी पैड वेडिंग व डिस्पोजल मशीन अतिशीघ्र लगाया जाये ।
13. दूर-दराज से आने वाले छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था (जिसमें शौचालय भी हो) की व्यवस्था की जाये ।
14. विश्वविद्यालय क्वार्टर में अवैध रूप से रह रहे कर्मचारिओं, प्राध्यापकों एवं अन्य व्यक्तिओं से क्वार्टर खाली करवाकर उचित प्राध्यापक व कर्मचारी को क्वार्टर उपलब्ध करायी जाये ।
15. विश्वविद्यालय का प्रेस बंद होने के वजह से सभी प्रकार का प्रमाणपत्र एवं सभी गोपनीय कागजात एजेंसी के माध्यम से छप के आती है जो डेटा लिक एवं भ्रष्टाचार का मुख्य जड़ है । अतः विश्वविद्यालय के प्रेस को अविलम्ब को चालू किया जाये ।
16. पैट – 2021 के कोर्स वर्क का परीक्षा परिणाम अविलम्ब जारी की जाये ।
17. विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय एवं समस्त पीजी विभागों में नये एडिशन की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाये एवं ई-लाइब्रेरी की सुविधा अतिशीघ्र बहाल की जाये ।
18. विश्वविद्यालय के प्रायोगिकी विषय के सभी विभागों में आधुनिक प्रायोगिकी उपकरण उपलब्ध कराने सहित प्रायोगिकी कक्षा का नियमित संचालन सुनिश्चित किया जाये ।
19. विश्वविद्यालय एवं इसके अंतर्गत आने वाले सभी महाविद्यालयों में छात्रों की संख्या के अनुरूप भवन निर्माण करने हेतु राजभवन/राज्य सरकार को अनुशंसित की जाये ।
20. व्यवसायिक पाठ्यक्रम का सिलेबस नई शिक्षा नीति को ध्यान में रख कर अद्यतन (अपडेट) किया जाये ।
![](https://i0.wp.com/tirhutnow.com/wp-content/uploads/2024/09/img-20240910-wa01458054585389366460858-1024x576.jpg?resize=640%2C360&ssl=1)
कुलपति ने अभाविप कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि इसमें जो प्रमुख त्वरित कार्रवाई करने वाली मांगे हैं उसे आज ही नोटिफाई कर दिया जाएगा, तब अभाविप कार्यकर्ताओं ने धरना को स्थगित किया। साथ ही यह कहा की कुलपति पूर्व में भी आश्वासन देते रहे हैं किंतु उन्होंने कोई सकारात्मक कार्यवाई नहीं किया है। अगर कुलपति को आज भी यही लग रहा है कि आश्वासन देकर इस धरना को समाप्त कर देंगे तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल होगी अभाविप कार्यकर्ता पुनः इन मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करेगी।
मौके पर मुजफ्फरपुर से दीपांकर गिरी, रणविजय नारायण सिंह, पुष्कर सिंह, अभिनव राज, प्रभात मिश्रा, दिव्यज्योति, अंजली, मानसी, स्वेता, विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले अन्य जिलों से सुजीत मिश्रा, अभिजीत राय, विशाल झा, सोनू, अरविंद कुशवाहा, आयुष आदित्य, अनीश कुमार, हर्ष, सहित सैकड़ो कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन में उपस्थित रहे।
Comments are closed.