मुजफ्फरपुर जंक्शन पर रेलवे की सतर्कता से फर्जी टीटीई धराया, यात्रियों से ठगी का खुलासा।

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर रेलवे की सतर्कता से फर्जी टीटीई धराया, यात्रियों से ठगी का खुलासा।

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर रेलवे पुलिस और अधिकारियों की सजगता ने एक बड़े ठगी के रैकेट का पर्दाफाश किया है। ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 11123) के कोच एस-1 में एक फर्जी टीटीई को यात्रियों से अवैध वसूली करते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी, जो टीटीई की वर्दी में यात्रियों के टिकट जांचने का नाटक कर रहा था, उसकी पहचान 35 वर्षीय रविंद्र कुमार, उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी, के रूप में हुई।

रेलवे के मेगा टिकट जांच अभियान के तहत सोनपुर मंडल में डीआरएम विवेक भूषण शूद की निगरानी में चल रही विशेष कार्रवाई के दौरान यह सफलता मिली। वरिष्ठ टिकट परीक्षक संतोष कुमार मीना ने शक होने पर आरोपी से पूछताछ की, लेकिन वह रेलवे का वैध पहचान पत्र दिखाने में विफल रहा। तलाशी में उसके पास से फर्जी दस्तावेजों का जखीरा बरामद हुआ, जिसमें नकली रेलवे परिचय पत्र, आधार कार्ड की फोटोकॉपी, फर्जी मेडिकल कार्ड, जॉइनिंग लेटर की कॉपी, 4980 रुपये नकद और एक फर्जी कंपनी का टर्मिनल मोबाइल शामिल था। इस मोबाइल में टीटीई के उपयोग वाला एक नकली ऐप भी डाउनलोड था, जिसके जरिए वह यात्रियों को भ्रमित करता था।

मुजफ्फरपुर स्टेशन पर चलाए गए ‘किला बंदी’ टिकट जांच अभियान ने इस ठगी के खेल को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई। सीनियर डीसीएम रौशन कुमार ने वरिष्ठ टिकट परीक्षक संतोष कुमार मीना की तत्परता की सराहना की और उन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि रविंद्र कुमार लंबे समय से स्वयं को रेलवे कर्मचारी बताकर यात्रियों से टिकट जांच के नाम पर अवैध उगाही कर रहा था।

रेल पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे टिकट जांच के दौरान कर्मचारी का पहचान पत्र जरूर जांचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत रेलवे कर्मचारियों को दें। यह घटना रेलवे की सतर्कता और यात्रियों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, साथ ही ठगों के नए-नए हथकंडों के खिलाफ जागरूकता की जरूरत को भी रेखांकित करती है।