मुजफ्फरपुर: बिहार के ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी मुजफ्फरपुर में बुढ़ी गंडक नदी के तट से बाबा गरीबनाथ मंदिर तक एक भव्य कॉरिडोर के निर्माण की मांग ने जोर पकड़ लिया है। शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी ने जिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपकर श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर एक आधुनिक और सुव्यवस्थित कॉरिडोर बनाने की मांग की। संगठन का कहना है कि यह कॉरिडोर न केवल शिव भक्तों की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि मुजफ्फरपुर के धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
बाबा गरीबनाथ मंदिर और बुढ़ी गंडक का महत्व
संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने बताया कि बाबा गरीबनाथ मंदिर बिहार का एक प्राचीन और प्रमुख शिव मंदिर है, जो बुढ़ी गंडक नदी के किनारे बसा है। यह नदी, जो पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा से भी प्राचीन और पवित्र मानी जाती है, शिव भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। हर साल सावन मास में लाखों कांवरिया 100 किलोमीटर की कठिन यात्रा पूरी कर पहलेजा से मुजफ्फरपुर पहुंचते हैं और बुढ़ी गंडक के पवित्र जल से बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक करते हैं। इसके अलावा, स्थानीय भक्त भी नदी के विभिन्न घाटों से जल लेकर मंदिर में चढ़ाते हैं।
भक्तों को हो रही कठिनाइयों का जिक्र
हालांकि, घाटों से मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग भक्तों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। सड़कों पर अव्यवस्थित दुकानें, गंदगी, अभक्ष्य सामग्रियों की बिक्री और असुरक्षा जैसी समस्याएं श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्रा को कष्टप्रद और असुरक्षित बनाती हैं। आचार्य पाराशर ने कहा, “इन समस्याओं के कारण भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। एक सुव्यवस्थित कॉरिडोर इन समस्याओं का स्थायी समाधान होगा।”
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से प्रेरणा
अंतरराष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी ने प्रस्तावित कॉरिडोर को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने की मांग की है। यह कॉरिडोर बुढ़ी गंडक नदी के निकटतम घाट से बाबा गरीबनाथ मंदिर तक बनाया जाए, जो भक्तों को एक पवित्र, सुरक्षित और सुगम मार्ग प्रदान करेगा। संगठन का मानना है कि यह कॉरिडोर न केवल भक्तों की यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि मुजफ्फरपुर को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर और अधिक प्रमुखता दिलाएगा।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
इस कॉरिडोर के निर्माण से न केवल धार्मिक महत्व बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। सावन के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही से स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। संगठन ने प्रशासन से इस मांग पर त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है, ताकि भक्तों को एक गरिमामय और सुगम धार्मिक अनुभव मिल सके।
जिलाधिकारी को सौंपा मांग पत्र
सनातन हिंदू वाहिनी के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर विस्तृत मांग पत्र सौंपा और इस परियोजना को शीघ्र शुरू करने की अपील की। संगठन ने उम्मीद जताई कि प्रशासन इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगा, जिससे बाबा गरीबनाथ मंदिर और बुढ़ी गंडक नदी का धार्मिक महत्व और अधिक उजागर होगा।