साइबर ठगों ने लूटे 25 लाख, थाने में FIR लिखते-लिखते प्रोफेसर को आया हार्ट अटैक – मौके पर मौ’त!

साइबर ठगों ने लूटे 25 लाख, थाने में FIR लिखते-लिखते प्रोफेसर को आया हार्ट अटैक – मौके पर मौ’त!

साइबर अपराधियों की बेरहमी ने एक परिवार को हमेशा के लिए तोड़ दिया। बिहार के पूसा एग्रीकल्चर कॉलेज से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. मुकेश प्रसाद सिंह (71) को ठगी का ऐसा झटका लगा कि साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराते वक्त ही दिल का दौरा पड़ गया और उनकी जान चली गई। वे पटना की प्रसिद्ध महिला चिकित्सक डॉ. मंजू जायसवाल के सगे भाई थे। मूल रूप से खगड़िया जिले के महेशखूंट निवासी डॉ. मुकेश के खाते से ठगों ने पांच बार में पांच-पांच लाख रुपये निकालकर कुल 25 लाख रुपए उड़ा लिए।

ठगी का शातिर तरीका: WhatsApp पर APK फाइल, फिर खाता खाली

घटना 23 अक्टूबर की है। डॉ. मुकेश के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) खाते में रिटायरमेंट की पूरी रकम जमा थी। ठगों ने WhatsApp पर एक अज्ञात नंबर से संपर्क किया और PNB मोबाइल ऐप इंस्टॉल करने के नाम पर APK फाइल भेजी। प्रोफेसर ने ऐप डिटेल्स भरते ही फंस गए। फिशिंग साइट के जरिए उनका मोबाइल हैक हो गया, जिससे ठगों को बैंकिंग एक्सेस मिल गया।

पांच ट्रांजेक्शन में:

पहली निकासी: 5 लाख रुपये
दूसरी: 5 लाख
• तीसरी: 5 लाख
• चौथी: 5 लाख
• पांचवीं: 5 लाख

रकम गोरिंस, मो. आसिफ सहित अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी गई। ठगी के तुरंत बाद डॉ. मुकेश ने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की, लेकिन अगले दिन (शुक्रवार) साइबर थाने पहुंचकर FIR दर्ज कराने गए।

थाने में अधूरा आवेदन, फिर अटैक

थाने में आवेदन लिखते वक्त डॉ. मुकेश ने सिर्फ इतना लिख पाए:
“सूचित करना है कि मेरे खाता से 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी हो गया है। सर्व प्रथम 22 अक्टूबर को व्हाट्सएप पर एक अंजान नंबर से एपीके फाइल भेजी गई थी। जिस पर मेरे द्वारा पीएनबी मोबाइल एप के लिए पूरा डिटेल भरा गया।”  बस यहीं रुक गए। अचानक सीने में तेज दर्द हुआ, हार्ट अटैक आया। साथियों ने उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया, फिर जूरन छपरा के निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों के प्रयास नाकाम रहे। मौत हो गई। आधा लिखा आवेदन थाने में ही पड़ा रह गया।

परिवार में मचा कोहराम: रिटायर्ड DIG भाई और इंजीनियर बेटा

डॉ. मुकेश तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। बड़े भाई मधुसूदन प्रसाद रिटायर्ड DIG हैं, मंझले मनोरंजन जायसवाल व्यवसायी। एकमात्र पुत्र अतिंद्र कुमार नोएडा में इंजीनियर हैं। उनके पिता डॉ. सहदेव प्रसाद और माता डॉ. शांति सिंह पटना के मशहूर चिकित्सक थे। काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के नयाटोला स्थित शांति सदन से शव यात्रा निकली तो परिवार में चीखें गूंज उठीं। बहन डॉ. मंजू जायसवाल ने बताया, “भाई मोबाइल बैंकिंग ऐप डाउनलोड करना चाहते थे। फेक साइट पर फंस गए। APK इंस्टॉल करते ही सब कुछ हैक हो गया। हमने साइबर थाने को पूरा डिटेल दे दिया है।”

साइबर क्राइम की बढ़ती चुनौती: बुजुर्ग सबसे आसान शिकार

यह मामला साइबर ठगों की नई रणनीति उजागर करता है। बुजुर्ग अक्सर टेक्नोलॉजी से अनजान होते हैं, जिसका फायदा उठाया जाता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है, लेकिन प्रोफेसर की मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक कभी WhatsApp या अनजान लिंक से ऐप नहीं भेजते। हमेशा ऑफिशियल स्टोर से डाउनलोड करें।