पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र के जोगीपुर निवासी व्यवसायी योगेन्द्र कुमार हत्याकांड में पुलिस ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण खुलासे किये। सिटी एसपी राजेश कुमार ने बताया कि व्यवसायी योगेन्द्र का छोटा साढ़ू कृष्ण मुरारी पटना के जीरोमाइल स्थित जमीन में हिस्सेदारी नहीं मिले से नाराज था। इसी खुन्नस में उसने 13 दिसंबर की दोपहर को मोतिहारी के राजेपुर थाना क्षेत्र के नकरदेवा (नारायणपुर) से पटना लौटने के क्रम में बाइक सवार सुपारी किलर से पानापुर ओपी के रघई पुल के पास गोली मरवा योगेन्द्र की हत्या करा दी।

इस मामले में डीएसपी पूर्वी मनोज पांडेय की टीम ने शिवहर के तरियानी के शूटर रतन कुमार, सीतामढ़ी बेलसंड थाना क्षेत्र के भोरहा निवासी दूसरे शूटर शांतनू कुमार सिंह, सिवाईपट्टी के मिथुन कुमार और सिवाईपट्टी चतुरसी के मिन्टू कुमार (व्यवसायी के साढ़ू का भाई) को छापेमारी कर शिवहर व सिवाईपट्टी इलाके से दबोचा है।

इनके पास से हत्या में इस्तेमाल पिस्टल भी पुलिस ने बरामद की है। इसके अलावा दो देसी कट्टा व तीन कारतूस एवं शूटरों की दोनों बाइक भी जब्त की गई है।

सिटी एसपी ने बताया कि इनके खिलाफ पुलिस के पास मैनुअल के अलावा वैज्ञानिक साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। इस आधार पर इनके खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाने को लेकर पुलिस कोर्ट से अनुरोध करेगी। वहीं, इस हत्याकांड के मुख्य आरोपित व व्यवसायी के छोटे साढ़ू कृष्ण मुरारी के खिलाफ इश्तेहार व कुर्की जब्ती की कार्रवाई के लिए आईओ को निर्देशित किया है। मामले में कृष्ण मुरारी के अलावा दो अन्य नामजद आरोपित फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।

सीसीटीवी फुटेज व जैकेट से पकड़ में आया शूटर :
डीएसपी मनोज पांडेय ने बताया कि आरोपितों का पीड़ित परिवार से जमीन को लेकर करीब 15 वर्षों विवाद चल रहा था। आरोपित पक्ष कई बार जानलेवा हमला भी करा चुका था। इधर दो साल से दोनों के बीच विवाद अधिक गहरा गया था। 13 दिसंबर को हत्या करा दी गई। हत्या के बाद पुलिस ने रघई पुल की दोनों साइड करीब पांच-पांच किलोमीटर तक छानबीन की। कई जगह सीसीटीवी कैमरा मिला। लेकिन, रघई पुल के समीप वाले सीसीटीवी में शूटरों का चेहरा साफ दिखा। इसके आधार पर छानबीन शुरू की गई। शूटर सांतनू के जैकेट से उसकी पहचान हुई।

तरियानी से पुलिस ने किया जैकेट बरामद :
डीएसपी ने बताया कि छानबीन के क्रम में एक संदिग्ध को पुलिस ने उठाया। इसके बाद उससे गहनता से पूछताछ की गई। इस दौरान उसे फुटेज भी दिखाया गया। उसने पहचान लिया और पुलिस को बताया कि यह जैकेट तरियानी के सांतनू ने हाल में ही खरीदा है। इसके बाद पुलिस ने वैज्ञानिक छानबीन कर सांतनू को शिवहर से उठाया। फिर उससे पूछताछ की गई। पहले तो उसने इंकार किया। फिर सीसीटीवी फुटेज और उसमें कैद अपनी तस्वीर देखकर हत्या में शामिल होने की बात स्वीकारी। साथ ही पुलिस के कहने पर जैकेट भी उपलब्ध कराया। इसके अलावा दूसरे शूटर रतन के अलावा मिथुन व मिंटू के संबंध में भी जानकारी दी। सांतनू के जैकेट पर दो विशेष स्ट्रिप बना था।

सांतनू ने चलायी थी तीन गोली, रतन ने दो :
डीएसपी ने बताया कि हत्या के दौरान व्यवसायी को पांच गोली लगी थी। पूछताछ के दौरान जानकारी मिली की सांतनू ने पिस्टल से तीन और रतन कुमार ने दो गोली व्यवसायी पर चलायी थी। इसके बाद चार दिनों तक मोबाइल बंद रखने का भी शूटरों ने प्लान किया। सभी ने ऐसा ही किया। पुलिस ने इनके पास से व्हाट्सएप चैट भी बरामद किया। बताया कि हत्या की पूरी प्लानिंग शिवहर के तरियानी में की गई थी। इसमें कृष्ण मुरारी समेत सात लोग शामिल थे। इनमें से पुलिस ने चार को गिरफ्तार किया है।

छठ घाट पर मारने की थी साजिश :
बताया जाता है कि व्यवसायी छठ में घर आते थे। उस वक्त छठ घाट पर ही उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। लेकिन, उनलोगों को हत्या करने का मौका नहीं मिल सका था। इससे उसकी जान बच गयी। इसके बाद हत्या के ठीक दो दिन पूर्व सिवाईपट्टी में हमला कराया था। इसमें भी वह बच निकले थे।

अपराधियों को नहीं मिल सकी सुपारी की रकम
डीएसपी ने बताया कि रतन कुमार व सांतनू सुपारी लेकर हत्या को अंजाम देते हैं। रतन कुमार और कृष्ण मुरारी के बीच 12 साल से अधिक की पुरानी दोस्ती है। दोस्ती के लिए हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। हत्या के बाद सुपारी की राशि देने की बात थी। लेकिन, केस में कृष्ण मुरारी के नाम आने से सुपारी की राशि नहीं मिल सकी। तय रकम भी सामने नहीं आया है।

इनपुट : हिंदुस्तान

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