मुजफ्फरपुर, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की महिला एजेंट को भारत के रक्षा मंत्रालय व अन्य सरकारी कार्यालयों के गोपनीय दस्तावेजों की जानकारी देने के मामले में लिपिक रवि चौरसिया को गिरफ्तार किया गया है. वह वर्तमान में कटरा रजिस्ट्री कार्यालय में पोस्टेड है. डीएसपी पूर्वी मनोज कुमार पांडेय के नेतृत्व में विशेष टीम ने उसे गिरफ्तार किया है.

मुंगेर का रहने वाला है आरोपी रवि

रवि मुंगेर जिले के जमालपुर थाना के ईस्ट कॉलोनी नया गांव विषहरी का रहने वाला है. पुलिस को उसके पास से एक मोबाइल, दो एटीएम, एक आधार कार्ड व एक पैन कार्ड मिला है. उसके व्हाट्सएप व ईमेल से कई गोपनीय दस्तावेज और हथियार की तस्वीर आइएसआइ एजेंट के मोबाइल नंबर पर भेजने की पुष्टि एसएसपी जयंतकांत ने की है.

एसएसपी जयंतकांत ने की गिरफ्तारी की पुष्टि

एसएसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि गोपनीय सूचना मिली थी कि लिपिक रवि भारत के सरकारी दफ्तरों से जुड़ी खुफिया जानकारी आइएसआइ को भेज रहा है. इसी आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया. उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी.

NIA कर सकती है पूछताछ

एसएसपी ने बताया कि देश की अन्य जांच एजेंसियों को भी इससे अवगत कराया जा रहा है. जो भी जानकारी पूछताछ में सामने आई है, उसे जांच एजेंसी से साझा किया गया है. देर शाम सीआइडी की डीएसपी ने भी रवि से पूछताछ की है. एनआइए भी रवि चौरसिया से पूछताछ कर सकती है. वह कटरा में ही किराये पर कमरा लेकर परिवार के साथ रह रहा था.

चेन्नई में रक्षा मंत्रालय विभाग में था कार्यरत

एसएसपी ने बताया की आरोपी से पूछताछ की गई. उसने बताया कि वह पहले भारी वाहन निर्माण कारखाना अवाडी चेन्नई (रक्षा मंत्रालय) में 2018 से लिपिक के पद पर कार्यरत था. यहां तोप और टैंक समेत अन्य रक्षा उपकरण बनता है. वहां दो साल से अधिक समय तक काम किया. फिर, छह सितंबर 2022 को कटरा रजिस्ट्री कार्यालय में लिपिक के पद पर योगदान दिया था.

ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट में प्राथमिकी

एसएसपी ने कहा की रवि के एसबीआई खाते का पूरा डिटेल खंगाला जा रहा है. इसे फ्रिज किया जाएगा. उसके खिलाफ कटरा थाने में ऑफिशियल सिक्रेसी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. उसके मोबाइल की गैलरी में अभी भी कई ऐसी गोपनीय तस्वीर और दस्तावेज हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. पुलिस उसके एसबीआइ अकाउंट की भी छानबीन कर रही है, जिसमें उसने आइएसआइ एजेंट से रुपये मंगाए थे. हालांकि रवि ने करीब 80 हजार रुपये आने की जानकारी दी है.

हनी ट्रैप से जाल में इस तरह फंसाया

रवि चौरसिया ने पुलिस को बताया कि जब वह भारी वाहन निर्माण कारखाना अवाडी चेन्नई (रक्षा मंत्रालय) में लिपिक के पद पर कार्यरत था, उसी समय उसके व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया. मैसेज करने वाली ने अपना नाम शान्वी शर्मा ( बदला हुआ नाम) बताया. फिर, फेसबुक व व्हाट्सएप के माध्यम से उससे लगातार बातचीत होने लगी.

इस बीच उसने कहा कि उसके पिताजी सेना में कर्नल से रिटायर्ड है, उसको भी एनडीए की तैयारी कर सेना में जाना है. तुम सेना की फैक्ट्री में हो. तुम जो करते हो, या जो कागजात बनाते हो उसको भेजो. इससे तैयारी में मदद मिलेगी. हालांकि, पुलिस का कहना है कि रवि सूचना भेजने के एवज मेंअ शान्वी से पैसे लेता था. वह महिला आइएसआइ एजेंट सह हैंडलर थी. पुलिस की मानें तो आरोपी को इसका पता लग चुका था. बावजूद इसके वह पैसे के लालच में खुफिया जानकारी उपलब्ध कराता था.

नवंबर में हुई थी रवि की शादी

रवि चौरसिया की गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद उसकी मां व पत्नी भी कोर्ट पहुंची थी. बेटे के हाथ में हथकड़ी देखकर मां के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा था. रवि की मां का कहना था कि 28 नवंबर को ही रवि की शादी हुई थी. वह बेकसूर है. उसको हनी ट्रैप में फंसाया गया है.

इनपुट : प्रभात खबर

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