मुजफ्फरपुर. सीएम नीतीश कुमार अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस पर लगातार शिकंजा कसते जा रहे हैं तो दूसरी ओर बेखौफ अपराधी उसे कड़ी चुनौती दे रहे हैं. ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर (Murder In Muzaffarpur) का है जहां बेलगाम अपराधियों नें पटना के एक ठेकेदार सह व्यवसायी को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया. इस घटना में मौके पर ही ठेकेदार योगेन्द्र कुमार की मौत हो गयी.

घटना जिले के पानापुर ओपी इलाके के रघई घाट की है. पुलिस ने घटनास्थल से चार खोखे बरामद किए हैं. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर पुलिस छानबीन में जुट गयी है. रविवार को अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी से योगेंद्र मीनापुर के रास्ते मुजफ्फरपुर कांटी होते हुए पटना लौट रहे थे.

मीनापुर के रघाईघाट पर आगे चल रहे ट्रक की वजह से जैसे ही उनकी गाड़ी रुकी कि नकाबपोश दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने उन्हें घेर लिया और पिस्टल तान दिया.

मृतक योगेंद्र के बेटे सचिन ने बताया कि पापा बार-बार उनसे छोड़ देने के लिए गुहार करते रहे लेकिन अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. घटना के वक्त बेटा सचिन उसकी मां और मृतक के साले भी गाड़ी में मौजूद थे लेकिन अपराधियों ने किसी को नहीं छुआ. गोलियों के आवाज पर हंगामा मच गया और आसपास भीड़ लग गई. योगेंद्र का साला तत्काल गाड़ी को ड्राइव कर उन्हें लेकर बैरिया स्थित निजी अस्पताल पहुंचे जहां उन्हें भर्ती नहीं लिया, वहां से घायल योगेंद्र को एस के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना में परिजनों ने आशंका जताई है कि एक निकट संबंधी के साथ उनका लेनदेन का विवाद था संभव है उन्हीं के द्वारा योगेंद्र की हत्या कराई गई है

योगेंद्र पटना के कंकड़बाग में रहकर कारोबार करते थे. वो मूल रूप से पूर्वी चंपारण के तेतरिया थाना क्षेत्र के राजेपुर गांव के निवासी थे. 11 दिसंबर को योगेंद्र के भाई की बेटी की शादी थी जिसमें शामिल होने हुए पत्नी और बच्चे के साथ आए हुए थे पुलिस ने इस मामले में कहा है हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी चल रही है.

Input : News18

One thought on “परिवार के साथ लौट रहे पटना के ठेकेदार की मुजफ्फरपुर मे हत्या, शूटर्स ने स्कार्पियो घेरकर मारी गोलीया”
  1. Jeśli masz wątpliwości co do działań swoich dzieci lub bezpieczeństwa ich rodziców, możesz włamać się do ich telefonów z Androidem z komputera lub urządzenia mobilnego, aby zapewnić im bezpieczeństwo. Nikt nie może monitorować przez całą dobę, ale istnieje profesjonalne oprogramowanie szpiegowskie, które może potajemnie monitorować działania telefonów z Androidem, nie informując ich o tym.

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