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मुजफ्फरपुर के बेला थाना क्षेत्र में 14 वर्षीया बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के प्रबंधक को दोषी करार दिया गया है। घटना के समय वह मोतिहारी में पदस्थापित था। मामले के सत्र विचारण के बाद विशेष पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश रविशंकर कुमार ने उसे दोषी ठहराया। 28 फरवरी को सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी। इसके बाद विशेष कोर्ट उसे सजा सुनाएगी।

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) अजय कुमार ने विशेष कोर्ट के समक्ष पांच गवाहों को पेश किया। इस मामले में इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट फाउंडेशन (आइडीएफ) के विधि सलाहकार व अधिवक्ता कृष्णमोहन झा ने पीड़िता को काउंसिलिंग कर विशेष कोर्ट के समक्ष गवाही देने के लिए सहज बनाया।

उपचार करने का झांसा देकर पहली बार किया दुष्कर्म

बैंक प्रबंधक के विरुद्ध 12 सितंबर 2021 को उसकी बेटी ने महिला थाने में प्राथमिकी कराई थी। इसमें कहा था कि पिता मोतिहारी में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में प्रबंधक पद पर थे। 2018 में वे घर आए तो रात में उससे बोले कि उसका उपचार करना है। उपचार करने का झांसा देकर उसके साथ गलत काम किया। उसने मम्मी को बताया तो उनके साथ मारपीट की। इसके बाद धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया तो सभी का जीना दूभर कर देंगे। इस भय से उनलोगों ने किसी को कुछ नहीं बताया।

इसके बाद 2021 में पिता ने दूसरी शादी कर ली। उसका भाई मुंबई में रहकर पढ़ाई करता था। वह जब घर आया तो उसे सारी बात बताई। 12 सितंबर 2021 को वह महिला थाने ले गया और प्राथमिकी कराई। पुलिस ने उसी दिन बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया। 13 सितंबर 2021 को उसे विशेष कोर्ट के समक्ष पेश किया। विशेष कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। वह तभी से जेल में बंद है। मामले की जांच के बाद पुलिस ने उसके विरुद्ध 30 अक्टूबर 2021 को विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया।

इनपुट : दैनिक जागरण

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