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पुलिस की लाख हिदायत के बावजूद अपार्टमेंट की सुरक्षा में खामी साफ तौर पर उजागर हुई। जिस कुसुम विलास अपार्टमेंट के गेट पर इंडिगो के मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या हुई, उस अपार्टमेंट में कुल पांच सीसीटीवी कैमरे लगे पाये गये लेकिन एक भी कैमरा चालू नहीं था। अपार्टमेंट के गार्ड मनोज कुमार ने बताया कि जब से कैमरा लगा है, तभी से बंद है। यदि सीसीटीवी कैमरा चालू होता तो बदमाशों की तस्वीर फुटेज में जरूर कैद हो जाती है। इससे पुलिस को जांच में मदद मिलती और अपराधी जल्द पकड़ लिये जाते।

दो दिन पूर्व ही गोवा से लौटे थे मैनेजर
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक मैनेजर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गोवा घूमने गये थे।

संडे को ही वह गोवा से लौटकर पटना आये थे। ऐसे में मंगलवार की शाम अपार्टमेंट का गेट बंद था। इसलिए मैनेजर गेट खुलवाने के लिए गाड़ी का हॉर्न बजा रहे थे। गेट खुलने में विलंब हुआ, इसी बीच बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी। लोगों का कहना था कि यदि गेट खुला होता तो शायद मैनेजर की जान बच सकती थी। अपार्टमेंट के सामने की सड़क पर शाम के वक्त वहां के बच्चे आपस में रोज क्रिकेट खेलते थे लेकिन मंगलवार को अचानक बढ़ी ढंड के चलते क्रिकेट खेलने के बजाए बच्चे अपने कमरों में ही कैद रहे। ऐसे में खूनी वारदात हो गई।

पुलिसकर्मी के बेटे थे मैनेजर
बताया गया है कि मैनेजर के पिता पुलिस महकमे में थे। पिछले छह साल से वह पुनाईचक स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट में रह रहे थे। तब से अबतक उनका यहां पर किसी से कोई विवाद नहीं था। ऐसे में उनकी इस तरह हत्या क्यों कर दी गई, हर कोई अनुत्तरित था। बताया गया है कि मैनेजर पहले स्कॉर्पियो से चलते थे। धनतेरस पर उन्होंने काले रंग की नई लग्जरी कार खरीदी थी। इसी कार में बैठे रहने के दौरान बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी। बताया गया है कि मैनेजर ने गाड़ी चलाने के लिए कोई चालक नहीं रखा था। वह खुद ही कार चलाते थे। घटना से पहले वह खुद एयरपोर्ट से कार चलाते हुए अपार्टमेंट के गेट पर पहुंचे थे।

तीन घंटे बाद पहुंची एफएसलएल
वारदात के बाद एफएसलएल को मौके पर बुलाया गया। मगर वारदात के करीब तीन घंटे बाद सवा दस बजे एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद एफएसएल टीम ने जांच का कोरम पूरा किया। मैनेजर की गाड़ी के अंदर मिले सामान और मोबाइल पुलिस के कब्जे में है। अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान में भी जुट गई है। इसके लिए पुलिस मैनेजर के मोबाइन की कॉल डिटेल भी खंगालेगी। इससे पुलिस पता करेगी कि वारदात से पहले किन-किन से मैनेजर की बात हुई थी। घटना से पहले और बाद में पुनाईचक इलाके में कितने मोबाइल नंबर एक्टिव रहे, पुलिस इसकी भी जांच करते हुए बदमाशों का पता लगाएगी।

पटना एयरपोर्ट पर रूपेश लगभग 12 सालों से काम कर रहे थे
गोवा से छूट्टियों से लौटे रूपेश ने मंगलवार को आते ही तत्परता से काम संभाल लिया था। विमानों में बुकिंग की स्थिति से एयरपोर्ट पर होने वाले हर वीवीआईपी मूवमेंट तक की जानकारी ली और एयरपोर्ट के अधिकारियों से मुलाकात की थी। एयरपोर्ट पर वैक्सीन लाये जाने के दौरान भी रूपेश की सक्रियता बनी रही। अफसरों से छुट्टियों में बिताए पलों के बारे में थोड़ी बहुत बात की और फिर काम में जुट गए। पटना एयरपोर्ट पर रूपेश लगभग 12 सालों से काम कर रहे थे। तेजतर्रार कार्यशैली और कार्यदक्षता की वजह से उन्हें यहां योगदान के एक साल बाद ही उन्हें इंडिगो ने स्टेशन मैनेजर बना दिया था। पटना एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा विमानों की संख्या इंडिगो की है। रूपेश की काबिलियत की बदौलत कंपनी को लगातार मुनाफा हो रहा था और एयरपोर्ट पर इंडिगो की आय लगातार बढ़ रही थी। यही वजह है कि मंगलवार की घटना से रूपेश से जुड़ा हर कोई दुःखी है। कंपनी ने शोक संवेदना जाहिर करते हुए दुःख की घड़ी के परिजनों के साथ होने की बात कही है वहीं जांच में हर मदद के लिए तैयार रहने को कहा है।

इनपुट : हिंदुस्तान

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