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मुजफ्फरपुर के एक बड़े कारोबारी समेत दो लोगो को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप मे ईडी ने किया गिरफ्तार. गिरफ्तार किये गए आरोपियों मे मुजफ्फरपुर से राजकुमार गोयनका और कोलकाता से पंकज अग्रवाल शामिल है. दोनों आरोपियों को लेकर ईडी की टीम पटना पहुंची और दोनों से अलग-अलग लंबी पूछताछ की गई। सूत्र बताते हैं कि दोनों व्यवसायी पुराने खिलाड़ी हैं और पूर्व में भी इनकी चार करोड़ की संपत्ति निदेशालय अटैच कर चुका है।

यह मामला वर्ष 2016 में लागू की गयी नोटबंदी से जुड़ा है। ईडी की टीम ने गया के जीबी रोड स्थित बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखा में फर्जी बैंक खातों के जरीये रद किये गए जमा करोड़ों रुपये का मामला पकड़ा था । उसके बाद उन फर्जी बैंक खातों से उस रकम को निकालकर अन्य खातों के जरिये करोड़ों के कालाधन की मनी लौंड्रिंग की गई थी। ये बैंक खाते फर्जी नामों से खोले गए थे। जिन लोगों के खातों में करोड़ों की रकम डाली गई थी, उन लोगों को भी इस लेनदेन का कोई पता नहीं था। इनमें कई नाम तो ऐसे थे, जो जांच में स्थानीय मजदूरों के पाए गए हैं। ईडी ने अबतक 25 करोड़ की हेराफेरी का पता लगा लिया है। उसके बाद इन दोनों कारोबारियों की कोलकाता और मुजफ्फरपुर की सम्पत्ति भी जब्त कर ली गई है। बाद में ईडी की जांच में यह भी पता चला कि ये दोनों कारोबारी हवाला से भी जुड़े हुए हैं। ईडी ने इन दोनों कारोबारियों की करीब 16 करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्ति जब्त कर ली है।

पूछताछ में इन आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकार किया कि इन दोनों ने अलग-अलग काम करते हुए हवाला के जरिए करोड़ों का लेन-देन किया था। इन दोनों से मिली जानकारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इन्हें जेल भेज दिया है। अब जल्द ही इन्हें रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ भी की जाएगी। ईडी ने दोनों से पूछताछ के लिए उनकी 14 दिनों की रिमांड अदालत से मांगी है। फिलहाल रिमांड पर अदालत का फैसला अभी नहीं आया है।

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