मुजफ्फरपुर में भाकपा-माले की ‘बदलो सरकार, बदलो बिहार’ यात्रा: दीपंकर भट्टाचार्य ने भरी हुंकार

मुजफ्फरपुर में भाकपा-माले की ‘बदलो सरकार, बदलो बिहार’ यात्रा: दीपंकर भट्टाचार्य ने भरी हुंकार

मुजफ्फरपुर, 24 जून 2025: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (भाकपा-माले) के महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने आज मुजफ्फरपुर जिले के औराई और गायघाट विधानसभा क्षेत्रों में ‘बदलो सरकार, बदलो बिहार’ जन संवाद सभाओं को संबोधित करते हुए बिहार में सत्तारूढ़ सरकार पर जमकर हमला बोला। औराई के कटाई पंचायत के उफरौली गांव और गायघाट के बेनीबाद में आयोजित इन सभाओं में उन्होंने बिहार की जनता से मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने और एक नया, जनहितैषी बिहार बनाने का आह्वान किया।


नीतीश सरकार पर तीखा हमला
कॉमरेड दीपंकर ने अपने संबोधन में कहा,
“पिछले 20 वर्षों से बिहार में चल रही नीतीश सरकार ने सुशासन और विकास के नाम पर केवल लूट, अपराध, और माफिया राज को बढ़ावा दिया है। बिहार की जनता को बदहाली और अपमान के सिवा कुछ नहीं मिला। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये करने में सरकार को दो दशक लग गए, और वह भी तब, जब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। यह जनता के साथ धोखा है।” 


उन्होंने हाल के खुलासों का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि विभिन्न आयोगों में आरएसएस की सिफारिश पर एनडीए नेताओं के रिश्तेदारों की नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “नीतीश कुमार को जवाब देना होगा कि उन्होंने आरएसएस के कितने लोगों को बिहार के महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया है।” 
इंडिया गठबंधन की सरकार: जनता के लिए वादा
दीपंकर भट्टाचार्य ने इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर बड़े वादे किए। उन्होंने कहा,
“इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही महिलाओं के माइक्रो फाइनेंस सहित सभी कर्ज माफ किए जाएंगे। प्रत्येक महिला को प्रतिमाह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जैसा कि झारखंड में लागू किया गया है। इसके अलावा, हर गरीब परिवार को दो लाख रुपये की सहायता और 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा।” 
मोदी सरकार पर भी निशाना
केंद्र की एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दीपंकर ने कहा,
“प्रधानमंत्री बार-बार बिहार आकर बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेते हैं, लेकिन वक्फ संशोधन कानून और नागरिकता संशोधन कानून के जरिए वे संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने पर तुले हैं। बिहार के प्रवासी मजदूरों के घरों पर दिल्ली और अन्य शहरों में बुलडोजर चलवाए जा रहे हैं। उनकी विदेश नीति ने भारत को पड़ोसियों और वैश्विक मंच पर अलग-थलग कर दिया है।” 
उन्होंने हाल की पहलगाम आतंकी घटना का उल्लेख करते हुए केंद्र सरकार की आंतरिक सुरक्षा नीति को भी पूरी तरह विफल करार दिया। 
बिहार में बढ़ती हिंसा और गरीबी
दीपंकर ने बिहार में महिलाओं, दलितों, और अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा,
“नीतीश सरकार ने बिहार को अपराधियों और माफियाओं का गढ़ बना दिया है। अब समय आ गया है कि जनता इस सरकार को छुट्टी दे। बिहार हरियाणा और महाराष्ट्र के रास्ते पर नहीं, बल्कि झारखंड के रास्ते पर चलेगा, जहां जनहितैषी नीतियां लागू की जा रही हैं।” 
उन्होंने नीतीश सरकार पर गरीबों को दो लाख रुपये की सहायता देने के वादे से मुकरने का भी आरोप लगाया। बिहार की भयावह गरीबी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह यात्रा गरीबों, मजदूरों, और वंचितों के लिए न्याय की लड़ाई है।


यात्रा का भव्य स्वागत
‘बदलो सरकार, बदलो बिहार’ यात्रा 20 जून को समस्तीपुर के जटमलपुर से शुरू हुई थी, जो हायाघाट, बहेड़ी, बेनीपट्टी, राजनगर, और जाले होते हुए आज औराई और गायघाट के बेनीबाद पहुंची। मुजफ्फरपुर पहुंचने पर दीपंकर भट्टाचार्य और उनकी टीम का जगह-जगह जोरदार स्वागत हुआ। पितोझिया, रामरेवता चौक, भैरव स्थान, औराई बाजार, रतवाड़ा, साधुमठ, प्रेमनगर, बटवारा, गंगिया चौक, चन्दौली, और मिश्रौली जैसे दर्जनों गांवों और कस्बों में कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और नारों के साथ उनका स्वागत किया। 


यात्रा में भाकपा-माले के वरिष्ठ नेताओं, जैसे पोलित ब्यूरो सदस्य शशि यादव, ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, और पूर्व विधायक मंजू प्रकाश ने भी सभाओं को संबोधित किया। औराई की सभा का संचालन माले प्रखंड सचिव मनोज यादव ने किया, जबकि बेनीबाद की सभा की अध्यक्षता जगन्नाथ पासवान और संचालन जितेंद्र यादव ने किया। 


यात्रा का उद्देश्य और भविष्य
‘बदलो सरकार, बदलो बिहार’ यात्रा का उद्देश्य बिहार में बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और सामाजिक अन्याय के खिलाफ जनता को एकजुट करना है। यह यात्रा 18 से 27 जून तक बिहार के विभिन्न क्षेत्रों—शाहाबाद, मगध, सारण-चंपारण, और मुजफ्फरपुर से दरभंगा तक—में जनसभाओं और संवादों के जरिए जनता के बीच जाएगी। भाकपा-माले ने आगामी विधानसभा चुनाव में 40-45 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है, और इस यात्रा के माध्यम से पार्टी जनता के बीच अपनी नीतियों और दृष्टिकोण को ले जा रही है।


नेताओं का संदेश: एकजुट होकर बदलाव लाएं
सभा को संबोधित करने वाले अन्य नेताओं, जैसे औराई के पूर्व प्रत्याशी आफताब आलम, गायघाट के पूर्व प्रत्याशी जितेंद्र यादव, और खेग्रामस के राज्य अध्यक्ष मनोज मंजिल ने भी जनता से एकजुट होकर बदलाव की लड़ाई लड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब और ठगी नहीं सहेगी। यह यात्रा न केवल एक राजनीतिक अभियान है, बल्कि बिहार के गरीबों, मजदूरों, और वंचितों के लिए न्याय और सम्मान की मांग है।