कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से संभावित खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो एक दिसंबर से प्रभावी हो जाएंगे। इन दिशानिर्देशों के अनुसार अब यात्री के लिए 14 दिन की यात्रा जानकारी जमा करना और यात्रा शुरू करने से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर कोरोना वायरस की निगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार खतरे की श्रेणी में आने वाले देशों के यात्रियों को यहां पहुंचने पर कोरोना जांच करवानी होगी और जांच का परिणाम आने तक एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना होगा। अगर उनकी जांच निगेटिव आती है तो उन्हें सात दिन तक होम क्वारंटीन में रहना होगा और आठवें दिन फिर जांच की जाएगी। इस बार भी निगेटिव आने पर उन्हें अगले सात दिन के लिए खुद अपने स्वास्थ्य पर नजर रखने को कहा जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, जोखिम वाले देशों को छोड़कर अन्य देशों के यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें भी 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी होगी। हवाईअड्डे पर आगमन पर एक सैंपल के तौर पर कुल यात्रियों के 5 फीसदी लोगों का टेस्ट किया जाएगा।

इन देशों को डाला गया है रिस्क जोन में
1. ब्रिटेन समेत यूरोप के सभी देश
2. दक्षिण अफ्रीका
3. ब्राजील
4. बांग्लादेश
5. बोत्सवाना
6. चीन
7. मॉरिशस
8. न्यूजीलैंड
9. सिंगापुर
10. जिम्बाम्ब्वे
11. हॉन्ग कॉन्ग
12. इजराइल

भारत में अब तक ओमिक्रॉन का कोई केस नहीं
इस बीच राहत की बात यह रही कि कर्नाटक में बीते दिन संक्रमित पाए गए दो लोगों में ओमिक्रॉन की पुष्टि नहीं हुई है। दक्षिण अफ्रीका से आए दोनों लोगों के कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुधाकर ने कहा कि राज्य सरकार ने अफ्रीका, हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना और अन्य यूरोपीय देशों से यात्रा करने वालों की हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग शुरु कर दी गई है।

इनपुट : अमर उजाला

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