PATNA : बिहार में कोरोना वायरस के दूसरी लहर की रफ्तार अभी धीमी पड़ी ही थी कि ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या से एक बार फिर लोगों में दहशत का माहौल बन गया है. वहीं, कई जगहों पर ब्लॉक फंगस के अलावा व्हाइट और येलो फंगस के भी मामले सामने आए थे. अब एस्परगिलस फंगस नाम की एक नई आफत की एंट्री बिहार में हो चुकी है.

कोरोना से ठीक हुए मरीज एस्परगिलस फंगस की चपेट में आ रहे हैं. इस बीमारी को एस्परगिलोसिस के नाम से जाना जाता है. यह कोई बीमारी नहीं है पर दावा किया जा रहा है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में इसकी पहचान की जा रही है. डॉक्टरों के अनुसार, बिहार में पहली बार कोरोना से ठीक हुए 8 मरीजों में एस्परगिलस फंगस से संक्रमित मरीज की पहचान हुई है. एस्परगिलोसिस की दवा उपलब्ध हैं और इलाज भी संभव है. सीटी स्कैन में भी इसकी पहचान आसान नहीं है.

पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह का कहना है कि इसका संक्रमण चेस्ट में लगता है, जबकि ब्लैक फंगस का संक्रमण नाक, आंख और ब्रेन में होता है. कोरोना से ठीक होने के बाद मरीज में दो सप्ताह से अधिक बुखार, भूख का नहीं लगना, खांसी, दम फूलना आदि इसके लक्षण हैं.

इनपुट : फर्स्ट बिहार

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