देश भर में कोविड-19  के मद्देनजर जारी लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 4.0 के लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं. कोरोना वायरस के कारण लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का चौथा चरण सोमवार से शुरू होगा और इसमें लोगों को ज्यादा रियायत और लचीलापन देखने को मिलेगा. देश में सभी तरह की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय विमान यात्राएं बंद रहेंगी. हालांकि घरेलू मेडिकल सेवाओं, घरेलू एयर एंबुलेंस को छूट रहेगी. धीरे -धीरे पूरी गाइडलाइन स्पष्ट हो रही है और खास बात यह है कि इस बार राज्य सरकारों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। यानी राज्य सरकारें तय करेंगी कि उनके यहां के लोगों को किस तरह की छूट मिलेगी और किस तरह की पाबंदियों जारी रहेंगी। अन्य राज्यों की तरह बिहार में 17 मई के बाद लॉकडाउन के दौरान ज्यादा छूट मिलने के आसार कम ही दिख रहे हैं ! बिहार सरकार ने जो संकेत दिए हैं उसके अनुसार कि 31 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा. यहां कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की छूट की गुंजाइश नहीं है.लॉकडाउन में छूट देने का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया जा सकता है. दरअसल, बिहार सरकार का मानना है कि कोई भी डीएम अपने क्षेत्र की स्थिति को अधिक अच्छी तरह समझ सकते हैं, ऐसे में लॉमडाउन को लेकर अधिकार जिलास्तर पर होना चाहिए ! बिहार सरकार ने जो संकेत दिए हैं इसके मुताबिक कंटेनमेंट जोन को ही सिर्फ रेड जोन के रूप में घोषित किया जा सकता है. जिला प्रशासन के पास पूरे जिले को रेड जोन के रूप में एक विशेष क्षेत्र घोषित करने की शक्तियां दी जा सकती हैं. ग्रीन और ऑरेंज जोन में छोटे उद्योगों और दुकानदारों को राहत जरूर मिल सकती है.बिहार सरकार 31 मई तक बेसिक लॉकडाउन जारी रख सकती है. यानि स्कूल, कॉलेज, सिनेमा, अंतरराज्यीय ट्रेन और बस, अंतरजिला बसों का परिचालन, नागरिक उड्डयन, सिनेमा हॉल, जिम, रेस्तरां, कोचिंग संस्थान, धार्मिक मंडली जैसे स्थानों, पर पूर्व की भांति ही बंदिशें लागू रहेंगी. कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सारे एक्टिविटी शुरू करने के संकेत हैं. रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन समेत सभी एरिया में स्कूल-कॉलेज और सिनेमा हॉल, मॉल वगैरह बंद रहेंगे. लेकिन, सारा कंस्ट्रक्शन वर्क को शुरू करने का आदेश जारी किया जा सकता है.बिहार सरकार ने पहले ही लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है. क्योंकि जो प्रवासी मजदूर ट्रेन से घर वापस आ रहे हैं उन्हें संभालने में सहूलियत होगी. इसके साथ ही ऐसे मजदूरों को रोजगार भी मिल सके इसके लिए भी सरकार ने पहले ही कुछ कार्यों के लिए छूट दे रखी है. देश भर में सभी जोन में शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक रहेगी. स्थानीय प्रशासन अपने अधिकार में आने वाले क्षेत्रों के लिए इसे लेकर कानून के प्रावधानों के अनुसार आदेश जारी करेगा. हालांकि सरकार वैसे क्षेत्रों में बसों और वाहनों के अंतर और अंतर जिला आवागमन में भी छूट दे सकती है जहां कोरोना संक्रमण की संख्या कम हो. ऐसा इसलिए कि उन क्षेत्रों में आधारभूत आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा सकें.
जल-जीवन-हरियाली अभियान, सात निश्चय (हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली-नालियां), बाढ़ सुरक्षा कार्य और मनरेगा के तहत योजनाएं सोशल डिस्टेंसिंग के तहत शुरू की गई हैं. हालांकि कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को खोलने के फैसले पर किसी तरह के संकेत नहीं हैं. कंटेनमेंट एरिया को छोड़ ऑरेंज और ग्रीन जोन में सप्ताह में तीन दिन रविवार से सभी तरह की किताब की दुकानों के साथ स्टेशनरी और चश्में की दुकान. निजी चिकित्सालयों के साथ ही नेत्र रोग अस्पताल खोलने के निर्देश जारी भी हो गए हैं. इसी तरह स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की छूट है, लेकिन छात्र स्कूल नहीं जा सकेंगे. वहीं, चश्मे और पुस्तक के दुकानदार को सोशल डिस्टेंस के प्रोटोकॉल के तहत दुकानें खोलने का आदेश है. स्टेशनरी की दुकानों को अल्टरनेट डे खोलने का दिया निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल, किताब दुकाने खोलने के आदेश लॉकडाउन 3 में ही दिया जा चुका है. बहरहाल बिहार सरकार की सबसे बड़ी समस्या माइग्रेंट वर्कर्स के मूवमेंट की है ! 25 मई तक 12 से 15 लाख लोगों के आने की संभावना है, ऐसे में बिहार सराकर लॉकडाउन फ्री करने मूड में नहीं है. यानि बिहार सरकार के संकेत से साफ है कि मिक्स टाइप ऑफ लॉकडाउन बिहार में जारी रहेगा !

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