सरकार ने कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है. कोरोना संक्रमण को लेकर स्कूल कॉलेज 18 अप्रैल तक बंद करने की घोषणा कर दी गई है. वैक्सीनेशन के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच का दायरा बढ़ाने की बात कही है. लेकिन अभी भी प्रशासनिक स्तर पर मामले को लेकर गंभीरता नहीं देखी जा रही है. कुछ ऐसी ही तस्वीर दानापुर स्टेशन पर देखने को मिली. यहां बिना स्क्रीनिंग के कई ट्रेन स्टेशन से निकल गई और वहां मौजूद डॉक्टर, नर्स सरकारी इक्विपमेंट के स्टेशन परिसर में पहुंचने का पांच घंटों तक इंतजार करते रहे.

वहीं, संक्रमण को लेकर पटना के प्रमुख स्टेशनों पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. खासतौर पर महाराष्ट्र से आने और जाने वाली ट्रेनों पर सरकार की नजरें हैं. महाराष्ट्र से आने-जाने वाली ट्रेनों का प्रमुख ठहराव स्टेशन दानापुर है. आज से वहां जांच के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से विशेष तौर पर नर्स ANM और डाक्टरों की टीम लगाई गई है. लेकिन खास बात ये रही कि शनिवार की सुबह साढ़े 7 बजे से डाक्टर नर्स की टीम स्टेशन पर जांच इक्विपमेंट का इंतजार करती रहीं. लेकिन साढ़े 11 बजे तक उनके पास कोई भी कोरोना टेस्टिंग को लेकर इक्विपमेंट नहीं मौजूद था.

इस बीच, स्टेशन से कई ट्रेनें बिना यात्रियों के जांच के ही अपनी मंजिल की ओर निकल गई. जिनमें लोक मान्य तिलक एक्सप्रेस भी थी. स्टेशन पर मौजूद डाक्टरों की टीम ने बताया कि ‘टेस्टिंग किट जल्द पहुंच रहा है. सिविल सर्जन ऑफिस ने किट जल्द भेजे जाने की बात कही है. हम अपने समय से स्टेशन पहुंच गए हैं.’ वहीं, नर्सों ने कहा कि ‘हमें आठ बजे स्टेशन पहुंचने के लिए कहा गया था. लेकिन हम आधे घंटे पहले स्टेशन पहुंच गए. सुबह से यूं ही बेकार बैठे हैं अभी तक जांच किट उपलब्ध नहीं कराई गई है.’

दूसरी तरफ स्टेशन से जो ट्रेनें खुलीं उनमें सोसल डिस्टेंसिंग का आभाव दिखा. मास्क को लेकर भी यात्री लापरवाह नजर आए. कोई उन्हें टोकने वाला तक नजर नही आया.

Input: Zee Media

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