मुजफ्फरपुर | ब्यूरो रिपोर्ट
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की औपचारिक घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इसी क्रम में मंगलवार को समाहरणालय सभागार में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला दंडाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में जिले के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता, निष्पक्षता और शुचिता सुनिश्चित करने से जुड़े अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी दलों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जारी निषेधाज्ञा, आदर्श आचार संहिता के प्रावधान, संपत्ति विरूपण अधिनियम 2010, सिंगल विंडो सिस्टम, सी-विजिल ऐप, डायल 1950, चुनावी व्यय मॉनिटरिंग प्रणाली और अन्य दिशा-निर्देशों से अवगत कराया।
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⚖️ 6 अक्टूबर से 16 नवंबर तक चलेगी निर्वाचन प्रक्रिया
सुब्रत सेन ने बताया कि 6 अक्टूबर 2025 से आचार संहिता प्रभावी हो चुकी है, और 16 नवंबर 2025 तक निर्वाचन प्रक्रिया चलेगी। उन्होंने सभी दलों से अपील की कि वे निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करें ताकि जिले में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान कराया जा सके।
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🚫 ध्वनि नियंत्रण, जुलूस और पोस्टरबाजी पर सख्त पाबंदी
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि किसी भी सभा, जुलूस या धरना का आयोजन बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकेगा।
रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग वर्जित रहेगा।
धर्म, जाति या संप्रदाय के नाम पर प्रचार-प्रसार पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
धार्मिक स्थलों का राजनीतिक उपयोग वर्जित है और ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पोस्टर, बैनर और झंडे बिना अनुमति सार्वजनिक संपत्ति पर लगाए जाने पर संपत्ति विरूपण अधिनियम 2010 के तहत कार्रवाई होगी।
सुब्रत सेन ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक या भड़काऊ सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इसके लिए विशेष निगरानी टीम गठित की गई है।
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🖥️ सिंगल विंडो सिस्टम और वेबकास्टिंग से बढ़ेगी पारदर्शिता
निर्वाचन कार्यों में सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। इसके तहत सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को ‘फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व’ के आधार पर अनुमतियां ऑनलाइन मिलेंगी।
सुब्रत सेन ने बताया कि इस बार के चुनाव में 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग होगी ताकि मतदान प्रक्रिया की निगरानी रियल टाइम में हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक प्रत्याशी को अलग बैंक खाता खोलना अनिवार्य है, जिसमें चुनावी व्यय का संधारण होगा। विधानसभा प्रत्याशियों के लिए अधिकतम व्यय सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित की गई है। इसकी निगरानी के लिए भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी व्यय प्रेक्षक नियुक्त किए गए हैं।
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📲 “सी-विजिल” ऐप और डायल 1950 से आम जनता की भागीदारी
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने आम नागरिकों से भी अपील की कि वे आचार संहिता के उल्लंघन की सूचना “सी-विजिल” मोबाइल ऐप के माध्यम से दें।
यह ऐप सीधे निर्वाचन आयोग से जुड़ा है, जहां शिकायत दर्ज होते ही त्वरित कार्रवाई की जाती है।
इसके अलावा, जिले में डायल 1950 हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय है, जहां मतदाता चुनाव से जुड़ी किसी भी जानकारी या शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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👮♂️ कानून-व्यवस्था सुदृढ़, संवेदनशील केंद्रों पर अतिरिक्त बल तैनात
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। सभी थानों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन केंद्रों पर अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
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🗣️ “स्वच्छ, पारदर्शी और भयमुक्त मतदान ही लोकतंत्र की पहचान”
बैठक में उपस्थित सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा साझा किए गए दिशा-निर्देशों का स्वागत किया और आचार संहिता के पूर्ण अनुपालन का आश्वासन दिया।
सुब्रत सेन ने अंत में कहा—
> “स्वच्छ, पारदर्शी और भयमुक्त मतदान ही लोकतंत्र की सच्ची पहचान है। सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों से अपेक्षा है कि वे इस दिशा में प्रशासन का पूरा सहयोग करें।”

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