मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को सरकारी दफ्तर की दीवारों के भीतर चल रहे भ्रष्टाचार पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने करारा प्रहार किया। मोतीपुर अंचल कार्यालय के नाजिर श्याम कुमार को विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा।
जानकारी के मुताबिक, जमीन से जुड़े एक जरूरी दस्तावेज—एलपीसी (लैंड पजेशन सर्टिफिकेट)—बनाने के नाम पर नाजिर ने पीड़ित से आठ हजार रुपये की मांग की थी। परेशान पीड़ित ने चुपचाप पटना स्थित निगरानी विभाग का दरवाजा खटखटाया। शिकायत मिलते ही विजिलेंस ने पूरे मामले की गोपनीय जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए।
इसके बाद बिछाया गया जाल—
एक विशेष ट्रैप टीम बनाई गई और शुक्रवार को तय योजना के तहत पीड़ित को रिश्वत की रकम सौंपने के लिए भेजा गया। जैसे ही श्याम कुमार ने पैसे हाथ में लिए, पहले से तैनात निगरानी टीम ने दबिश देकर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से रंग लगे नोट बरामद किए गए, जो उसके अपराध की पुख्ता गवाही बने।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी नाजिर को सर्किट हाउस ले जाया गया, जहां उससे गहन पूछताछ जारी है। निगरानी टीम अब यह भी खंगाल रही है कि कहीं यह मामला अकेला तो नहीं, या इसके पीछे भ्रष्टाचार का कोई बड़ा नेटवर्क सक्रिय है।
आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरोपी को मुजफ्फरपुर स्थित विशेष निगरानी अदालत में पेश किया जाएगा।
यह कार्रवाई एक बार फिर साफ संदेश देती है—सरकारी काम के नाम पर घूस मांगने वालों के लिए अब बचने की कोई जगह नहीं।

Posted inCrime muzaffarpur News
