बिहार में चमकी बुखार (एईएस) के खिलाफ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस बार अभूतपूर्व सतर्कता और समन्वय के साथ जंग छेड़ दी है। ‘जीरो डेथ पॉलिसी’ को अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शानदार प्रदर्शन किया है। सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने बताया कि जिले में अब तक 26 मामले सामने आए, जिनका त्वरित और प्रभावी इलाज श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के पिकु वार्ड में किया गया। सभी बच्चे पूर्णतः स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं, जो इस अभियान की सफलता का जीवंत प्रमाण है।
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जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को चमकी बुखार के लक्षणों और तुरंत इलाज की अहमियत के बारे में जागरूक किया है। सरकार के सख्त निर्देश हैं कि 0 से 15 वर्ष की आयु के किसी भी बच्चे में बुखार, चक्कर, या अन्य लक्षण दिखने पर उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए। इसके लिए एंबुलेंस सेवाओं से लेकर आशा कार्यकर्ताओं तक की पूरी व्यवस्था की गई है, जो दिन-रात निगरानी और सहायता में जुटी हैं।

डॉ. अजय ने जोर देकर कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता कार्यक्रमों का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। समय पर कार्रवाई और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के दम पर चमकी बुखार को नियंत्रित करने में सफलता मिल रही है। प्रशासन का संकल्प है कि इस बीमारी से एक भी बच्चे की जान न जाए, और इस दिशा में सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।