मुजफ्फरपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और नालंदा में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत मेगा स्किल डेवलपमेंट सेंटर खुलेगा। जिन छात्र-छात्राओं का आइटीआइ और पालीटेक्निक में दाखिला नहीं हो सकेगा उन्हें यहां प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां ड्रोन टेक्निक, थ्रीडी, और रोबोटिक्स जैसे ट्रेड में अत्याधुनिक मशीनों से प्रशिक्षण देकर युवाओं को हुनरमंद बनाया जाएगा। ये बातें शनिवार को लंगट ङ्क्षसह महाविद्यालय के 123वें स्थापना दिवस समारोह में सूबे के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने कहीं। कहा कि इस वर्ष के अंत तक इसे हर हाल में शुरू कर जाएगा। इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है। यदि अलग जमीन नहीं उपलब्ध होती है तो आइटीआइ या पालीटेक्निक में ही इसे स्थापित किया जाएगा।
पहले चरण में तीन जिलों में मेगा स्किल डेवलपमेंट सेंटर खुलेगा। इसके बाद सभी जिलों में इसे स्थापित करना है। हुनरमंद युवा सिर्फ नौकरी पाने ही नहीं देने लायक बनें, इसके लिए उद्यमी योजना के तहत युवाओं को 10 लाख तक का ऋण दिया जा रहा है। बिहार में शिक्षण संस्थानों व इंडस्ट्री के लिए जमीन नहीं मिल पा रही। अब बाबू लंगट सिंह जैसे दानवीर नहीं, जिन्होंने खुद प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की पर लोगों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए इस ऐतिहासिक कालेज की स्थापना की। इससे पहले मंत्री जीवेश कुमार, प्राचार्य डा.ओमप्रकाश राय, पूर्व एमएलसी प्रो.नरेंद्र कुमार ङ्क्षसह समेत अन्य अतिथियों ने 22 किलोवाट क्षमता वाले सौर विद्युत संयंत्र का उद्घाटन किया।
प्राचार्य डा. राय ने कहा कि इस संयंत्र के स्थापित होने से पहले कालेज को एक लाख रुपये बिजली बिल का भुगतान करना होता था, अब 22 से 23 हजार रुपये भुगतान करना पड़ रहा है। स्थापना दिवस पर कालेज में हेल्थ सेंटर की शुरुआत की गई। अब सप्ताह में तीन दिन दो चिकित्सक यहां छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों को परामर्श देंगे। शीघ्र ही यहां विभिन्न प्रकार की जांच भी होने लगेगी। पूर्व एमएलसी प्रो.नरेंद्र कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि वर्तमान में सिर्फ सैद्धांतिक पाठ्यक्रम से रोजगार पाना मुश्किल है। छात्रों को चाहिए कि इसके साथ हुनरमंद भी बनें। 1950 में कालेज के छात्र रहे डा.कृष्णकांत ने बताया कि यहां देश के प्रथम राष्ट्रपति से लेकर राष्ट्रकवि तक शिक्षक रहे हैं। जरूरी है कि शिक्षा के साथ शोध को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए रिसर्च सेंटर खोलने की मांग की। संचालन प्रो.राजीव ने किया। उन्होंने योग को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने की मांग की। शिक्षकों व कर्मचारियों ने एक-एक पौधा लगाकर उसे सहेजने का संकल्प लिया। डा.नवीन ने तकनीकी सहयोग दिया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. गोपालजी ने किया। मौके पर प्रो.गजेंद्र, प्रो. जयकांत ङ्क्षसह, प्रो.पंकज, प्रो.अवधेश कुमार, डा.ललित किशोर, डा.इम्तियाज समेत अन्य शिक्षक, कर्मचारी व एनसीसी कैडेट््स मौजूद थे। राष्ट्रगान से समापन हुआ।
इनपुट : जागरण
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